फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi
हर किसी मनुष्य के लिए एक अच्छा स्वास्थ्य एक अच्छे जीवन को जीने के लिए बहुत ही जरूरी होता है। एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन अच्छा पौष्टिक भोजन और अच्छी आदतों का होना बहुत आवश्यक होता है।
आज के आधुनिक युग में लगभग सभी लोग जंक फूड खा रहे हैं क्योंकि यह बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, आसानी से हर जगह उपलब्ध होते है और कम दाम में भी मिलते हैं। पहले लोग जंक फ़ूड को कभी-कभी ही बाहर जाने पर खाया करते थे पर अब धीरे-धीरे लोग इसे अपने हर दिन का खाना बनाते जा रहे हैं जिसके कारण लोगों को कई प्रकार के स्वास्थ्य से जुडी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
Table of Content
जंक फ़ूड क्या होता है? What is Junk food in hindi?
जंक फ़ूड में बहुत ज्यादा कैलोरी की मात्र होती है और विटामिन, प्रोटीन और मिनरल की मात्रा बहुत अधिक होती है। विटामिन और मिनरल जरूरत के अनुसार ही शरीर के लिए सही है। अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है।
आज के दिन में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई व्यक्ति जंक फ़ूड खाने की आदत बना चुके हैं। अब जंक फ़ूड हर गली-मोहल्ले में मिलने लगा है और जन्मदिन या विवाह पार्टी का यह एक ज़रूरी हिस्सा बन चूका है।
जंक फ़ूड खाने के परिणाम Effects of eating junk food in hindi
एक बात तो साफ़ है ज्यादा और लगातार जंक फ़ूड खाने से कई प्रकार के स्वास्थ्य प्रोब्लेम्स होते हैं। चलिए जानते हैं जंक फ़ूड के सेवन से शरीर को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है?
वजन बढना या मोटापा होना Obesity or Weight gain
घर में बनानें वाले भोजन या अनाज में बहुत कम कैलोरी की मात्र होती है। जबकि फ़ास्ट फ़ूड / जंक फ़ूड को बनाने में हर जगह बार-बार तेल, घी, बटर का उपयोग होता है जो शरीर के लिए कुछ हद तक ही ज़रूरी होता है।
हाइपरटेंशन Hypertension
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टाइफाइड Typhoid
ह्रदय से जुड़े रोग heart diseases.
जंक फ़ूड को बनाने के लिए सबसे ज्यादा तेल का उपयोग किया जाता है। घर के भोजन में जरूरत के अनुसार हम तेल का उपयोग करते हैं। ज्यादा तेल और घी युक्त भोजन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने का खतरा रहता है। इससे कई प्रकार के ह्रदय रोग होने का खतरा रहता है और ह्रदय के रोगियों के लिए जंक फ़ूड का सेवन करना जानलेवा साबित हो सकता है।
कुपोषण Malnutrition
एक बात तो सच है जंक फ़ूड खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं और भूख भी अच्छे से मिटाते हैं। लम्बे समय तक बिना पौष्टिक तत्वों वाले – फास्ट फूड या जंक फ़ूड पर निर्भर रहने वाले व्यक्तियों का भूख कम हो जाता है जिससे उनकी इच्छा घर का पौष्टिक खाना न खा कर जंक फ़ूड खाने की इच्छा करते हैं।
इससे लोगों को कुपोषण जैसे स्वास्थ्य मुश्किलों से गुज़रना पड़ सकता है। बच्चे कुपोषण का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं क्योंकि जंक फ़ूड के कारण उनका विकास सही प्रकार से नहीं हो पाता है।
निष्कर्ष Conclusion
अंत में हम बस इतना कहना चाहते हैं जंक फ़ूड एक महीने में एक बार ठीक है पर इसकी आदत बना स्वयं के शरीर को स्वयं बर्बाद करना है। इसलिए घर का स्वच्छ, स्वस्थ भोजन खाएं और निरोगी जीवन व्यतीत करें।
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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay in Hindi)
आजकल जंक फूड का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। जिससे सभी बच्चों और किशोरों को अवश्य जानना चाहिए, क्योंकि वे आमतौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। कई सारी निबंध प्रतियोगिता में जंक फूड पर निबंध लिखने का कार्य दिया जाता है। जो बच्चों को जंक फूड के विषय में जागरूक करने के लिए दिया जाता है।
जंक फूड पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Junk Food in Hindi, Junk Food par Nibandh Hindi mein)
जंक फूड पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
जंक फूड ऐसे फूड है जो उच्च कैलोरी और कम पोषकतत्वों से युक्त होते है। आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। आमतौर पर, जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक होते हैं।
जंक फूड के प्रकार
जंक फूड हमारे बीच बिस्कुट, चीज , बर्गर , पिज्जा आदि के रूप में पाए जाते है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रुप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। जंक फूड स्वाद से भरे होते है परन्तु उनमें पोषक तत्व नगण्य होता है।
जंक फूड के नुकसान
जंक फूड से हृदय संबंधी बीमारियाँ, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह (डायबिटिज़), मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लीवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियाँ होती है। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए।
अगर हम अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते है तो हमें जंक फ़ूड का इस्तेमाल बंद करना होगा। हमें भोजन करने के उद्देश्य को समझना होगा। हमें भोजन स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए करना चाहिए।
निबंध 2 (300 शब्द)
जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और इसके साथ ही यह शरीर के लिए भी हानिकारक होता है। ज्यादातर जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता, और बुरे कोलेस्ट्रॉल से परिपूर्ण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए जहर होते हैं। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए आसानी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी बीमारियों का कारण बनते हैं। जंक फूड ने अच्छे स्वाद और आसानी से पकने के कारण बहुत अधिक प्रसिद्धि प्राप्त कर ली है। बाजार में पहले से ही निर्मित जंक फूड पॉलिथीन में पैक होकर उपलब्ध हैं। बहुत से लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या या भोजन पकाने की अज्ञानता के कारण इस तरह, के पैक किए गए जंक फूड पर निर्भर रहते हैं।
स्वास्थ्य के लिए जहर है फ़ास्ट फ़ूड
जंक फ़ूड टाइफाइड, ह्रदय से जुड़े रोग, कुपोषण, हाइपरटेंशन जैसे जुडी भयानक बीमारियों का कारण बनता है। ये हमारे सोच से कई ज्यादा नुकसान दायक होता है। जंक फूड बहुत तेलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है इस कारण, उन्हें पचाने में काफी कठिनाई होती है और इनके क्रिया के लिए शरीर से अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता।
पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।
निबंध 3 (400 शब्द)
जंक फूड शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 1972 में किया गया था। हममें से लगभग सभी लोग जंक फूड से वाकिफ हैं और इसके लिए किसी भी तरह के परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है।
फिर भी, यह बहुत ही दिलचस्प सवाल है कि आखिर इसकी असलियत जानने के बाद भी सभी लोग जंक फूड खाना क्यों पसंद करते हैं? आजकल हम में से सभी जंक फूड के स्वाद का आनंद लेते हैं क्योंकि ये स्वादिष्ट वहन करने योग्य और तैयार मिलते हैं। जंक फूड में कोई भी पोषक तत्व और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक मूल्यों की कमी होती है।
यदि नियमित रुप से इनका उपभोग किया जाए तो ये स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। ये शरीर के ऊर्जा स्तर में कमी करते हैं और अनिद्रा का कारण बनते हैं। यह एकाग्रता के स्तर में कमी करते हैं और घातक बीमारियों; जैसे- कब्ज, गैस, हार्मोन असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तदाब, मधुमेह (डायबिटिज़) आदि को निमंत्रण देते हैं।
जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी
जंक फूड बहुत तैलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की काफी कमी होती है। इस कारण से उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और इसके साथ ही इनके पाचक क्रिया के लिए शरीर में काफी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन स्तर में कमी करते हैं, जिससे मस्तिष्क का उचित विकास नहीं होता। जंक फूड में बुरे कॉलेस्ट्रॉल की अधिकता होती है और इसके साथ ही यह शरीर को भी नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण पेट तथा अन्य पाचन अंगों में खिंचाव होता है। जिसके कारण कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। जंक फूड खाने के कारण हमें वजन बढ़ना, मोटापा, टायफॉइड, कुपोषण, आदि जैसे रोगों का सामना करना पड़ सकता है।
जंक फूड स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं और यदि ये नियमित रुप से ग्रहण किए जाए तो बिना किसी लाभ के स्वास्थ्य को नुकसान ही पहुँचाते हैं। हमें पूरे जीवन भर अच्छा, स्वस्थ और सुखद जीवन जीने के लिए जंक फूड का सेवन नही करना चाहिए। कैलोरीज की मात्रा फास्ट फूड में अधिक होने के कारण मोटे व्यक्ति के लिए यह अधिक हानिकारक होती है।
निबंध 4 (500 शब्द)
जंक फूड शब्द अपने आपमें बहुत कुछ कहता है और स्वास्थ्य के लिए इसकी हानिकारक प्रकृति की ओर संकेत करता है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बेकार खाना होता है क्योंकि इनमें कैलोरी, वसा, कॉलेस्ट्रॉल, शुगर और लवणता आदि तत्वों की अधिकता पाई जाती है। आजकल, बच्चे और युवा बड़ी मात्रा में जंक फूड खाने के बहुत ही शौकीन है। वे अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के माध्यम से अपने जीवन को खतरे की ओर ले जा रहे हैं। वे आमतौर पर, जब भी भूख महसूस करते हैं तो चिप्स, फ्रेंच फ्राईस, क्रैक्स, स्नैक, चाउमीन, बर्गर, पिज्जा, पास्ता, और अन्य जंक फूड का सेवन करते हैं। जंक फूड हमारे लिए लाभप्रद नहीं है और कुछ भी पोषण प्रदान नहीं करते हैं।
जंक फूड से मोटापा का खतरा
ये सभी तरीकों से सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन, वजन, और स्वास्थ्य परिस्थितियों को प्रभावित करता है। जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी पाई जाती है हालांकि, जो भी इस तरह का खाना खाता है उसे जल्दी-जल्दी भूख भी लगती है। जंक फूड से आवश्यक स्तर की ऊर्जा नहीं मिलती है; इस तरह, भोजन करने वाले में जल्दी-जल्दी खाना खाने की प्रवृति उत्पन्न हो जाती है। हमें जंक फूड से जो भी प्राप्त होता है उसमें अस्वास्थ्यकर वसा होता है और उसमें कोई भी अच्छा तत्व नहीं होता है; इस प्रकार, हमें ऑक्सीजन कमी महसूस होती है और जो मस्तिष्क के कार्य करण को बेकार करता है।
जंक फ़ूड खाने के परिणाम
शोध के अनुसार, बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह (डायबिटिज) और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाब उच्च होता है। बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए।
माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए साथ ही स्वास्थ्य वर्धक भोजन और जंक फूड में अन्तर को स्पष्ट करना चाहिए।
पूरे संसार में जंक फूड का उपभोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आमतौर पर, जब वे अपने परिवार के साथ कुछ विशेष समय, जैसे- जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि का आनंद लेने के दौरान वे इन्हें ही चुनते हैं। वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड की विभिन्न किस्मों जैसे; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना आदि का प्रयोग करते हैं।
निबंध 5 (600 शब्द)
जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है, जिसके कारण वो लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा विशेष रुप से बच्चों और स्कूल व कालेज जाने वाले बच्चों द्वारा यह काफी पसंद किए जाते हैं। आमतौर से बच्चे बचपन से ही काफी जंक फूड खाते हैं जिसके कारण उनमें यह प्रवृति विकसित हो जाती है। इसके साथ अभिभावकों द्वारा रोक-टोक ना होने पर जंक फूड खाने की यह समस्या एक तल बन जाती है और आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बनता हैं।
वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार यह पाया गया है कि, वे स्वास्थ्य पर बहुत तरीकों से नकारात्मक प्रभावों को डालते हैं। ये आमतौर पर तले हुए पैक खाद्य पदार्थ होते हैं, जो बाजार में मिलते हैं। इनमें कैलोरी और कॉलंस्ट्रॉल, सोडियम खनिज, शुगर, स्ट्रॉच, अस्वास्थ्यकर वसा की अधिकता और पोषक तत्वों और प्रोटीन के तत्वों की कमी होती है।
जंक फ़ूड क्या होता है ?
अगर आसान शब्दों में हम जंक फ़ूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।
कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राईस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आईस क्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केन्द्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केन्द्र के अनुसार यह पाया गया है कि, जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह (डायबिटिज) होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी के बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी (गुर्दों) के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है।
जंक फ़ूड खाने के दुष्परिणाम
प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कॉलेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। अधिक सोडियम और बुरा कॉलेस्ट्रॉल शरीर के रक्तदाब को बढ़ाता है और हृदय पर पड़ने वाले अधिक दबाव से भी सुरक्षा करता है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसके वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है।
जंक फूड में उच्च स्तर की कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिम्ब और संवेदन अंग दिन प्रति दिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों, जैसे- मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट- अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती है।
जंक फूड हमारे लिए काफी हानिकारक हैं और नियमित रुप से इनका सेवन करने से यह स्वास्थ के लिए भी कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। हमें इसका सेवन काफी कम मात्रा में करना चाहिए और यदि संभव हो तो बिल्कुल ही नही करना चाहिए। जंक फूड खाने वाला व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में काफी कम भोजन करता है और इसकी वजह से बच्चे मोटापे का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए हमें जंक फूड के उपयोग से बचना चाहिए और अपने जीवन को स्वस्थ तथा सुरक्षित बनाना चाहिए।
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जानिए जंक फूड (फास्ट फूड) के नुकसान और हानिकारक प्रभावों को – Harmful effects of junk food (Fast Food) in Hindi
Harmful effects of junk food in Hindi: फास्ट फूड या जंक फूड के दुष्प्रभाव जाने बिना ही लोगों ने इसे अपने लिए विशेष खाद्य पदार्थ के रूप में चुन लिया है। आज जंक फूड सभी के जीवन का हिस्सा बन चुका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग अपनी व्यस्त जीवन शैली के कारण स्वस्थ भोजन के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। इसलिए वे जल्दी से जल्दी जो कुछ भी उपलब्ध होता है उसे अपने आहार के रूप में चुन लेते हैं। लेकिन जंक फूड आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करने से हृदय रोग , मोटापा , मधुमेह, पेट के अल्सर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
इस लेख का आशय आपको जंक फूड खाने से रोकना नहीं है बल्कि यह बताना है कि जंक फूड आपके लिए कितना नुकसानदायक है। ताकि आप अपने बच्चों को इन नुकसानों से बचा सकें। आइए जाने जंक फूड के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं।
फास्ट फूड (जंक फूड) क्या है – What is Junk Food in Hindi
- फास्ट फूड के नुकसान पाचन और हृदय के लिए – Harmful effects of junk (Fast) food For Digestion and Heart in hindi
जंक फूड के नुकसान मानसिक स्वास्थ्य के लिए – Junk Food Ke Nuksan Mansik Swasthya Ke Liye in Hindi
फास्ट फूड के नुकसान से बढ़ सकता है मोटापा – effects of fast food on obesity in hindi, जंक फूड के दुष्प्रभाव अवसाद को बढ़ाए – junk food or fast food disadvantages for depression in hindi, जंक फूड का बढ़ता चलन बढ़ाए मधुमेह को – junk food ka badhta chalan madhumeh ko badhaye in hindi, फास्ट फूड के हानिकारक प्रभावों से पेप्टिक अल्सर का खतरा – junk (fast) food ke nuksan se peptic ulcer ka khatra in hindi, जंक फूड का सेवन बढ़ाए सांस की समस्या – junk food side effects for breathing problems in hindi.
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जंक फूड के हानिकारक प्रभाव हड्डियों के लिए – Junk Food Harmful effects For Bones in Hindi
- फास्ट फूड और जंक फूड के दुष्परिणाम सिर दर्द के रूप में – Junk Food Ke Dushparinam Sir Dard Ke Roop Me in Hindi
जंक फूड का उपभोग रक्तचाप को बढ़ाए – Junk Food Increases Blood Pressure in Hindi
जंक फूड का प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव – junk food ka prajanan pranali par prabhav in hindi.
बाजार में कई प्रकार के जंक फूड उपलब्ध हैं। जो आमतौर पर तले हुए या तेल की अधिक मात्रा बाले खाद्य पदार्थ होते हैं। जंक फूड आपके पेट को भर तो सकता है लेकिन यह आपके लिए विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा सकता है। आपके द्वारा अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन किये जाने पर यह पेट के साथ-साथ आपके दिल के लिए भी हानिकारक हो सकता है। जंक फूड का सेवन करने पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनो ही प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। हम जिस जंक फूड का सेवन करते हैं उसमें चीनी, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम , वसा और शरीर को प्रभावित करने वाले अन्य तत्वों की उपस्थिति होती है। अधिक मात्रा में जंक फूड (फास्ट फूड) का सेवन करने से हमें निम्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
जंक फूड के नुकसान हिंदी में – junk food ke nuksan hindi mein
आइये जानते है कि जंक फ़ूड आपके लिए किस प्रकार से नुकसानदायक और इसके अधिक सेवन से आपको क्या-क्या शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
फास्ट फूड के नुकसान पाचन और हृदय के लिए – Harmful effects of junk (Fast) food For Digestion and Heart in Hindi
विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ सहित फास्ट फूड में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है जबकी इनमें फाइबर बिल्कुल भी नहीं होता है। फाइबर आपके पाचन के लिए बहुत ही आवश्यक घटक होता है। जब आपका पाचन तंत्र इन खाद्य पदार्थों को तोड़ता है तो कार्बोहाइड्रेट आपके रक्त प्रवाह में ग्लूकोज के रूप में शामिल हो जाता है। परिणाम स्वरूप आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि हो जाती है। आपका शरीर पैनक्रिया द्वारा इंसुलिन जारी करके ग्लूकोज में बढ़ोतरी को कम कर देता है। इंसुलिन आपके शरीर में चीनी को उन कोशिकाओं में स्थानांतरित करता है जिन्हें ऊर्जा के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन अक्सर कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा का सेवन करने से आपकी रक्त शर्करा में बार-बार बढ़ोतरी हो सकती हैं। इस तरह यदि अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करते हैं तो यह हमारे पाचन और हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
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2011 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि जिन स्वस्थ्य लोगों ने लगातार 5 दिनों तक जंक फूड का सेवन किया। उन पर किये गए परीक्षण में पाया गया कि उनके याद रखने, समझने और सीखने की क्षमता में कमी आई। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि जंक फूड को यदि पांच दिनों तक लगातार सेवन किया जाए तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। चीनी और वसा में उच्च आहार वाले खाद्य पदार्थ मस्तिष्क पेप्टाइड की गतिविधि को कम कर सकते हैं जिसे मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक कारक (brain-derived neurotrophic factor) कहा जाता है। यह सीखने और समझने के लिए जिम्मेदार होता है। अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन आपके याद रखने और सीखने की क्षमता को कम कर सकता है।
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किशोर जिनके पास खराब खाने की आदतें हैं, वे मोटे होने का उच्च जोखिम रखते हैं। एक अनुशंसित अनुपात से अधिक वजन होने से कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जंक फूड में चीनी और कैलोरी होती है जिससे इसके अधिक सेवन से वजन बढ़ जाता है। यह भी देखा गया है कि जो लोग अधिक फास्ट फूड वाले पदार्थ खाने के शोकीन होते हैं, वे फल और सब्जियों का उपभोग कम करते हैं और इससे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। और वे धीरे- धीरे मोटापे का सिकार हो जाते हैं।
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फास्ट फूड मे वसा की अधिक मात्रा होती है जिसका अधिक सेवन करने पर कैलोरी भी अधिक मात्रा में प्राप्त होती है। मस्तिष्क की कार्य क्षमता आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर निर्भर करती है। यह आपके शरीर और मस्तिष्क को अवशाद और तनाव की ओर ले जाता है। इस प्रकार से आपका शरीर अवसाद और तनाव से प्रभावित हो सकता है। साथ ही एमिनो एसिड की पर्याप्त मात्रा न होने के कारण भी आप अवसाद ग्रस्त हो सकते हैं।
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व्यस्त जीवन शैली के कारण कई लोगों को घर पर खाना पकाने और खाने में दिक्कते होती हैं। इस कारण वे फॉस्ट फूड का सेवन करने लगते हैं। लेकिन उन लोगों को सलाह दी जाती है कि आप अपने काम के बीच में अपने स्वास्थ्य को न लाएं। खराब जीवन शैली और अभ्यास की कमी के साथ जंक फूड का अधिक मात्रा में सेवन करना मोटापे का कारण भी बन सकता है जो बदले में टाइप 2 मधुमेह का कारण बन सकता है।
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यह एक ऐसी बीमारी है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में होती है। इसके कारण पेट में असहनीय दर्द होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जंक फूड के रूप में आप अधिक मात्रा में नमकीन और तेल वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। आपके पेट में होने वाले अल्सर का एक और कारण अधिक मात्रा में शराब का सेवन करना भी हो सकता है। इसलिए अधिक मात्रा में जंक फूड और शराब का सेवन करने से बचना चाहिए।
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फास्ट फूड का सेवन करने वालों के लिए इसका एक और प्रमुख दुष्प्रभाव श्वसन समस्या है। इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन मोटापा बढ़ सकता है जो श्वास की समस्या का भी कारण हो सकता है। जैसे जैसे आपका मोटापा बढ़ता है वैसे ही सांस लेने की समस्याओं में वृद्धि होती है। हाल ही के अध्ययन से पता चलता है कि सप्ताह में तीन से चार बार जंक फूड का सेवन करने वाले बच्चे अन्य बच्चों की तुलना में अधिक मोटे और अस्थमा रोग से ग्रसित होते हैं।
(और पढ़े – सांस फूलने के कारण, लक्षण, जांच, उपचार, और रोकथाम… )
जंक फूड के हानि त्वचा के लिए – Side Effects Of Fast Food For Skin In Hindi
ऐसा माना जाता है कि जंक फूड आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप जो जंक फूड का सेवन करते हैं वह कार्बोहाइड्रेट से भरा होता है, जो कि आपके शरीर में लंबे समय तक चीनी के स्तर को बनाए रखता है। चीनी के स्तर में वृद्धि आपके शरीर से संबंधित कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह आपकी त्वचा समस्याओं और विशेष रूप से मुंहासों की वृद्धि करने में मदद करता है। इसलिए यदि आपको मुंहासे हो रहे हैं तो अपने आहार में ध्यान दें। कहीं अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करना आपकी सुंदरता को कम न कर दे।
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आपके शरीर को कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं देने के साथ-साथ जंक फूड आपकी हड्डियों को भी कमजोर बनाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन करने से आपके रक्त में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है जो मधुमेह का कारण बनता है। रक्त में अधिक मात्रा में शर्करा होने के कारण यह हड्डियों को कमजोर और भंगुर बनाता है। निश्चित रूप से कमजोर हड्डियां आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए अन्य किसी गंभीर नुकसान से बचने के लिए आपको जंक फूड खाने पर नियंत्रण रखना चाहिए।
(और पढ़े – कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज… )
जंक फूड के दुष्परिणाम सिर दर्द के रूप में – Junk Food Ke Dushparinam Sir Dard Ke Roop Me in Hindi
फास्ट फूड के अन्य सभी दुष्प्रभावों की तुलना में सिर दर्द बहुत ही आम और सामान्य समस्या है। यदि आप ऐसा समझ रहे हैं तो इसके आपको गंभीर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। क्योंकि सिर का दर्द धीरे-धीरे एक गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। यह आपके रक्त में मौजूद अतिरिक्त शर्करा के कारण होता है। यदि आप लगातार जंक फूड का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए अधिक तेज और निम्न दोनों स्तर के सिर दर्द का कारण बन सकता है।
(और पढ़े – सिर दर्द दूर करने के घरेलू उपाय… )
अधिक मात्रा में जंक फूड का लंबे समय तक सेवन करने से यह आपके रक्तचाप की दर को बढ़ा सकता है। जिसके कारण आपको दिल का दौरा और दिल से संबंधित अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप जवान हैं तो कुछ हद तक आपका शरीर इसका प्रतिरोध कर सकता है। लेकिन आपकी बढ़ती उम्र के साथ आपकी प्रतिरोध क्षमता भी कम हो सकती है जिसके कारण आपके रक्तचाप में एकाएक वृद्धि हो सकती है जो आपके लिए गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है।
(और पढ़े – हाइ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करगे ये आयुर्वेदिक हर्ब्स… )
गलत जीवन शैली और गलत खान-पान आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। अधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन भी इस समस्या को बढ़ा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि प्रसंस्कृत भोजन में थैलेट (Phthalates) शामिल होता है। यह ऐसे पदार्थ हैं जो आपके शरीर में काम कर रहें हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं। इन रसायनों के उच्च स्तर में सेवन करने से जन्म दोष सहित प्रजनन संबंधी अन्य समस्याओं के बढ़ने का खतरा रहता है।
(और पढ़े – क्या लगातार सेक्स पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है? )
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जानिए क्या रोज फास्ट फूड खाना सेहत के लिए हानिकारक है?
Page Contents
क्या रोज फास्ट फूड खाना सेहत के लिए हानिकारक है – fast food khane ke nuksan in hindi
रोजाना फास्ट फूड खाना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। फास्ट फूड में कैलोरी, अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है, और इसका बार-बार सेवन करने से मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
फास्ट फूड अक्सर संसाधित होता है और इसमें विटामिन , खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है, जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, कई फास्ट फूड भोजन बड़े हिस्से के आकार के होते हैं, जिससे अधिक भोजन और वजन बढ़ सकता है।
हालांकि कभी-कभार फास्ट फूड खाना ठीक है, लेकिन इसे अपने आहार का नियमित हिस्सा बनाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा सहित विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ अपने आहार को संतुलित करना महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल रहे हैं।
फास्ट फूड क्या होता है – fast food kya hota hai in hindi
फ़ास्ट फ़ूड का आशय ऐसे भोजन से है जो जल्दी से तैयार और परोसा जाता है, आमतौर पर एक रेस्तरां या फ़ास्ट फ़ूड चेन में। फास्ट फूड रेस्तरां अपनी त्वरित सेवा, सुविधा और कम कीमतों के लिए जाने जाते हैं।
फास्ट फूड रेस्तरां के मेनू में आमतौर पर बर्गर, फ्राइज़, चिकन सैंडविच, हॉट डॉग, पिज्जा, टैकोस और शीतल पेय जैसे लोकप्रिय आइटम शामिल होते हैं। भोजन अक्सर कैलोरी, संतृप्त वसा, सोडियम और चीनी में उच्च होता है, और फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्वों में कम होता है।
फास्ट फूड अक्सर गतिहीन जीवन शैली और मोटापे, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के विकास से जुड़ा होता है। हालांकि, स्वास्थ्यप्रद विकल्पों की जनता की मांग के जवाब में कई फास्ट फूड चेन ने स्वास्थ्यवर्धक विकल्प जैसे सलाद, ग्रिल्ड चिकन सैंडविच और फ्रूट कप पेश करना शुरू कर दिया है।
फास्ट फूड खाने के नुकसान – fast food khane ke nuksan in hindi
नियमित रूप से फास्ट फूड खाने के कई नुकसान हैं, जिनमें शामिल हैं
कैलोरी में उच्च – फास्ट फूड में अक्सर कैलोरी अधिक होती है, जिससे अधिक मात्रा में सेवन करने पर वजन और मोटापा बढ़ सकता है।
पोषक तत्वों में कमी – फास्ट फूड में विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्व कम होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अस्वास्थ्यकर वसा – फास्ट फूड में अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, जैसे ट्रांस वसा और संतृप्त वसा अधिक होती है, जो आपके हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है।
चीनी और नमक में उच्च – फास्ट फूड में अक्सर चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है, जिससे उच्च रक्तचाप, टाइप 2 डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
संसाधित और कृत्रिम सामग्री – कई फास्ट फूड भोजन में संसाधित और कृत्रिम तत्व होते हैं, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
भाग के आकार – फास्ट फूड भोजन अक्सर बड़े हिस्से के आकार के होते हैं, जिससे अधिक भोजन और वजन बढ़ सकता है।
कुल मिलाकर, नियमित रूप से फास्ट फूड खाना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और स्वस्थ और संतुलित आहार के हिस्से के रूप में इसका सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए।
फास्ट फूड खाने से कैसे बचें – junk food khane se kaise bache
फास्ट फूड खाने से बचने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं
अपने भोजन की योजना बनाएं – आने वाले सप्ताह के लिए अपने भोजन की योजना बनाने के लिए कुछ समय निकालें। यह आपको भूख लगने पर फास्ट फूड के प्रलोभन से बचने में मदद कर सकता है और आपके पास कुछ और तैयार नहीं है।
घर पर खाना बनाएं – घर पर अपना खाना पकाना फास्ट फूड का एक स्वस्थ और अधिक किफायती विकल्प हो सकता है। आप सामग्री और हिस्से के आकार को नियंत्रित कर सकते हैं, और विभिन्न स्वस्थ व्यंजनों के साथ प्रयोग कर सकते हैं।
अपना भोजन खुद पैक करें – यदि आप काम पर जा रहे हैं या काम पर हैं, तो फास्ट फूड के प्रलोभन से बचने के लिए अपना स्वस्थ भोजन और स्नैक्स खुद पैक करें। इससे आप लंबे समय में पैसे भी बचा सकते हैं।
स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें – यदि आप फास्ट फूड खाते हैं, तो स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें जैसे कि ग्रिल्ड चिकन या मछली, सलाद और सब्जियाँ। तले हुए खाद्य पदार्थ, शक्कर युक्त पेय और बड़े हिस्से के आकार से बचें।
संतुलित आहार लें – भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा वाला संतुलित आहार खाने से आपको पेट भरा और संतुष्ट रखने में मदद मिल सकती है, जिससे फास्ट फूड खाने के प्रलोभन को कम किया जा सकता है।
तनाव से निपटने के वैकल्पिक तरीके खोजें – बहुत से लोग तनाव या भावनाओं से निपटने के लिए फास्ट फूड का सहारा लेते हैं। व्यायाम, ध्यान या शौक जैसे सामना करने के वैकल्पिक तरीके खोजने से फास्ट फूड खाने के प्रलोभन को कम करने में मदद मिल सकती है।
इसे पढ़ें – वजन घटाने के लिए आहार और व्यायाम योजना
इसे पढ़ें – आयुर्वेद के अनुसार दूध कब कितना और कैसे पीना चाहिए
The Conclusion
अंत में, प्रतिदिन फास्ट फूड खाना आमतौर पर आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा माना जाता है। फास्ट फूड में कैलोरी, अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है और इसमें विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है। बार-बार फास्ट फूड खाने से मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और कुछ कैंसर सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि कभी-कभी फास्ट फूड में शामिल होना ठीक है, विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ अपने आहार को संतुलित करना और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए फास्ट फूड का सेवन सीमित करना महत्वपूर्ण है।
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जंक फूड और फास्ट फूड में क्या अंतर होता है? जानें ये क्यों माने जाते हैं सेहत के लिए नुकसानदायक
- Written by : Kishori Mishra
- Updated at: Jan 04, 2022 15:36 IST
फास्ट फूड क्या है ? (What is Fast Food )
जंक फूड क्या है (what is junk food ).
जंक फूड ऐसे आहार को कहा जाता है, तो आपको पैकेट में उपलब्ध होता है और जिसे बनाने का झंझट नहीं होता है। बस पैकेट खोला और खा लिया। एक्सपर्ट का कहना है कि जंक फूड में पोषक तत्वों की मात्रा जीरो के बराबर होती है। एक शब्दों में इस तरह के आहार को आप कैलोरी से भरपूर आहार कह सकते हैं। जंक फूड में चिप्स, पैकेट बंद सैंडविच, कुरकुरे जैसी चीजें शामिल होती हैं।
जंक फूड और फास्ट फूड के फायदे (Junk Food and Fast Food Benefits )
डायटीशियन का कहना है कि यह दोनों ही आहार स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदेय होते हैँ। हालांकि, दोनों में से अगर किसी एक का चुनाव किया जाए, तो फास्ट फूड आपके लिए ज्यादा ठीक रहेगा। क्योंकि इसमें कुछ हद तक ताजी चीजों जैसे - हरी सब्जियां, फल, अनाज का मिश्रण होता है। वहीं, जंक फूड में ताजी चीजें बिल्कुल भी नहीं होती हैं।
जंक फूड के नुकसान ( Junk Food Side Effects )
- जंक फूड में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिसकी वजह से आपको सिरदर्द और माइग्रेन बढ़ सकता है।
- इतना ही नहीं, इसमें कार्ब्स की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में आपको इसका सेवन करने से एक्ने की परेशानी हो सकती है।
- अत्यधिक मात्रा में जंक फूड खाने से व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
फास्ट फूड के नुकसान ( Fast Food Side Effects )
- फास्ट फूड में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। जिसकी वजह से आपके ब्लड में शुगर और और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है।
- जंक फूड की तरह फास्ट फूड में भी सोडियम की मात्रा अधिक होती है। सोडियम का स्तर बढ़ने से शरीर में अत्यधिक पानी जमा हो सकता है, जिससे सूजन हो सकती है
- फास्ट फूड में मौजूद कार्ब्स और चीनी दांतों में कैविटी का कारण बन सकते हैं।
फास्ट फूड और जंक फूड दोनों ही स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेय होते हैं। इसलिए अपने नियमित आहार में इस तरह की चीजों को शामिल करने से बचें। ताकि आपका शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रह सके।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।
- # junk food and fast food
- # Fast Food Side Effects
- Debate On Fast Food And Our Habit
महाडिबेटः खराब फास्ट फूड हैं या हमारी आदत?
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जंक फूड और फास्ट फूड में क्या अंतर है? What is the difference between junk food and fast food?
Difference Between Junk Food And Fast Food In Hindi – संसार में प्रत्येक जीव को भोजन की आवश्यकता होती है और इंसानो के पास तो भोजन के कई सारे विकल्प मौजूद है.
भोजन का प्रभाव न केवल शारीरिक ऊर्जा प्राप्त करने पर बल्कि मानसिक गतिविधियों पर भी पड़ता है. यही कारण है कि प्राचीन काल से ही हमारे पारंपरिक भारतीय आहार पर चिकित्सकीय ध्यान दिया जाता रहा है.
भारतीय भोजन में आहार सेवन के कुछ आहार-नियम पाए जाते हैं जैसे पूर्ण भोजन, नाश्ता या अल्पाहार और कुछ खाद्य पदार्थ तो ऐसे भी है जो जिव्हा के चटकारे लेने के लिए तैयार किए जाते हैं, जैसे पापड़, अचार, मुरब्बा आदि.
लेकिन पिछले कुछ दशकों से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भारतीय लोग भी जंक फूड (Junk Food) और फास्ट फूड (Fast Food) को काफी पसंद करने लगे हैं, लेकिन इन खाद्य पदार्थों को लेकर उनके मन में भी कई सवाल हैं.
हालांकि स्वास्थ्य की दृष्टि से junk food और fast food दोनों तरह का खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. लेकिन लोग अक्सर इन दोनों में भ्रमित हो जाते हैं कि junk food और fast food दोनों अलग-अलग हैं, या एक ही हैं. (Junk food and fast food are different, or the same)
आज के इस आर्टिकल में हम आपको junk food और fast food के बारे में बताने जा रहे हैं. इस लेख को पढ़कर आप जानेंगे कि फास्ट फूड और जंक फूड क्या है? What is fast food and junk food? और उनके बीच मूलभूत अंतर क्या है?
इसे भी पढ़ें: फलों के बारे में (70) रोचक और मजेदार तथ्य – Interesting and fun facts about Fruits
Table of Contents
जंक फूड किसे कहते हैं? – What is Junk food in Hindi
सबसे पहले जान लेते हैं कि जंक फूड क्या होता है? (Junk food meaning)
जंक फूड/Junk food ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें वसा, नमक और चीनी का उच्च स्तर होता है और इसमें फाइबर, विटामिन और खनिजों जैसे शरीर के लिए उपयुक्त पोषक तत्वों की कमी होती है.
जंक फूड के बारे में सरल भाषा में कहा जा सकता है कि जो खाना स्वस्थ, अच्छा और उपयोगी नहीं है वह जंक फूड है (Junk = कबाड़). जंक फूड एक ऐसा भोजन है जिसे लोग सेहत के लिए नहीं बल्कि स्वाद के लिए खाना पसंद करते हैं.
जंक फूड को वैकल्पिक भोजन (Alternative food) के रूप में भी जाना जाता है.
जंक फूड को हिंदी में क्या कहा जाता है? What is junk food called in Hindi?
जंक फूड को आमतौर पर चिप्स, चाट, कैंडी, केक और बिस्कुट जैसे स्नैक्स या अल्पाहार के रूप में दुनिया भर में जाना जाता है.
जंक फूड के प्रकार (Types of junk food):
जंक फूड में वर्गीकृत कुछ खाद्य प्रकार उदाहरण इस प्रकार हैं:
- चिप्स / वेफर्स जैसे स्नैक्स
- कुरकुरे
- बिस्कुट / कुकीज़
- आम तौर पर सभी पैकेज्ड फूड
- समोसा
- फ्रेंच फ्राइज
- फ्राइड चिकन
- केक और बिस्कुट
- चॉकलेट और मिठाई
जंक फूड के नुकसान – Junk food disadvantages in Hindi
- जंक फूड में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
- जंक फूड में कार्ब्स की मात्रा भी अधिक होती है. ऐसे में इसका सेवन करने से आपको मुंहासों की समस्या हो सकती है.
- अत्यधिक मात्रा में जंक फूड खाने से व्यक्ति तनाव या अवसाद का शिकार हो सकता है.
इसे भी पढ़ें: भोजन के बारे में (50+) रोचक और आश्चर्यजनक तथ्य – Interesting and amazing facts about food
फास्ट फूड किसे कहते हैं? – What is fast food in Hindi
Fast शब्द से ही यह बोध हो जाता है कि जो भोजन (food) जल्दी बन कर उपलब्ध हो जाता है, उसे Fast food / फास्ट फूड कहते हैं.
Fast food meaning – फास्ट फूड वह भोजन है जो अक्सर चौराहों और गलियारों में फूड स्टॉल और ठेलों पर बेचा जाता है. इसमें कचौड़ी, समोंसे, मैगी , चाउमीन, बर्गर आदि खाद्य पदार्थ शामिल हैं जिसे बाहर ले जाकर चलते-फिरते भी खाया जा सकता है और यह पदार्थ सेहत के लिए भी बहुत अच्छे साबित नहीं होते है.
अक्सर आपने McDonald’s , Domino’s, KFC आदि प्रसिद्ध खाद्य प्रदाताओं का नाम सुना होगा और उनके द्वारा बेचे जाने वाले सभी खाद्य पदार्थ फास्ट फूड के अंतर्गत आते हैं.
फास्ट फूड को हिंदी में क्या कहते हैं? What is fast food called in Hindi?
दोस्तों “Fast food” एक अंग्रेजी संज्ञा है जो भोजन के प्रकार को दर्शाती है जैसे हिंदी में नाश्ता या अल्पाहार एक संज्ञा है. मेरे विचार से हिंदी में त्वरित भोजन प्रकार (Quick food type) जैसी कोई परिभाषा नहीं है, लेकिन Fast food के बारे में यह कह सकते है – जल्दी और आसानी से तैयार होने वाला और चलते-फिरते खाने योग्य खाद्य पदार्थ.
फ़ास्ट फूड के प्रकार (Types of fast food)
कुछ भारतीय फास्ट फूड (Indian fast food) उदाहरण इस प्रकार है:
- रगड़ा पेटिस
- वड़ा पाव
कुछ पाश्चात्य फास्ट फूड (Western fast food) उदाहरण इस प्रकार है:
- बिस्किट / कुकी
फास्ट फूड के नुकसान – Fast food disadvantages in Hindi
- फास्ट फूड में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो आपके रक्त शर्करा और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है.
- जंक फूड की तरह फास्ट फूड में भी सोडियम की मात्रा अधिक होती है. सोडियम का बढ़ा हुआ स्तर शरीर में अत्यधिक जल प्रतिधारण का कारण बन सकता है, जिससे सूजन हो सकती है.
- फास्ट फूड में मौजूद कार्ब्स और शुगर दांतों में किडन और कैविटी का कारण बन सकते हैं.
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जंक फूड और फास्ट फूड में क्या अंतर है? Junk food and Fast food difference in Hindi
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि दोनों प्रकार के भोजन को स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन लोग अक्सर दोनों में भ्रमित हो जाते हैं कि फास्ट फूड और जंक फूड दोनों अलग हैं, या एक ही हैं.
जंक फूड वह भोजन होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है जबकि फास्ट फूड वह भोजन कहलाता है जो खाने के लिए जल्दी उपलब्ध हो जाता है.
इन खाद्य प्रकारों को उनके अंग्रेजी नाम से समझा जा सकता है कि “Junk Food” वह है जो स्वस्थ के लिए अच्छा और उपयोगी नहीं है और “Fast Food” वह है जो कम समय में जल्दी से जल्दी उपलब्ध हो जाता है.
फास्ट फूड शब्द का इस्तेमाल अक्सर होटल और रेस्तरां में अल्प-समय में परोसे जाने वाले भोजन के लिए किया जाता है. फास्ट फूड वह भोजन है जिसकी सामग्री पहले से तैयार की जाती है और मांग होने पर तुरंत गर्म कर बेचा जा सकता है.
चिप्स, कुरकुरे, मैगी, बिस्कुट आदि के पैकेट जंक फूड की श्रेणी में आते हैं और समोसा, पकोड़ा, बर्गर, पिज्जा आदि फास्ट फूड की श्रेणी में आते हैं.
जंक फूड/फास्ट फूड खाने के दुष्परिणाम – Consequences of eating junk food / fast food
अब आप जान गए हैं कि जंक फूड/फास्ट फूड सेहत की दृष्टि से बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है, अब हम जंक फूड/फास्ट फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं (Harmful effects of junk food / fast food).
अत्यधिक मात्रा में जंक फूड खाने से आपके सामान्य स्वास्थ्य और सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और आपके सक्रिय होने की क्षमता कम हो सकती है.
ये खाद्य प्रकार अक्सर कार्यालयों, कंपनियों के बाहर किसी भी स्टाल या ठेले पर आसानी से उपलब्ध होते हैं. इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
इसे खाने से सिर्फ कोलेस्ट्रॉल और मोटापा बढ़ता है और शारीरिक शक्ति कम होती है, क्योंकि यह भोजन सेहत को कोई पोषण नहीं देता है.
जंक फूड/फास्ट फूड के नियमित सेवन से वजन बढ़ना, मधुमेह और हृदय की समस्याओं सहित छोटी और लंबी अवधि की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
वजन बढ़ने के साथ-साथ जंक फूड/फास्ट फूड खाने से अन्य बीमारियों का असर भी देखा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं –
जंक फूड/फास्ट फूड खाने के अल्पकालिक प्रभाव:
- तनाव के स्तर में वृद्धि
- शारीरिक थकान
- नींद में कठिनाई
- ऊर्जा के स्तर में कमी
- एकाग्रता की कठिनाई
- उदास महसूस करना
- दांतों में सड़न
लंबे समय तक जंक फूड/फास्ट फूड खाने से निम्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
- टाइप 2 डायबिटीज
- हृदय की समस्याएं (जैसे हृदय रोग)
- ऑस्टियोपोरोसिस
- उच्च रक्त चाप
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
जंक फूड और फास्ट फूड के फायदे – Junk Food and Fast Food Benefits
डायटीशियन का साफ कहना है कि ये दोनों ही आहार स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक होते हैं. हालांकि, अगर दोनों में से किसी एक को चुना जाता है, तो फास्ट फूड आपके लिए ज्यादा उपयुक्त रहेगा.
क्योंकि फास्ट फूड में कुछ हद तक ताजी चीजों जैसे हरी सब्जियां, फल, अनाज का मिश्रण होता है, जबकि जंक फूड में ताजी चीजें बिल्कुल नहीं होती हैं.
Junk Food Benefits – जंक फूड के फायदों की बात करें तो यह सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं होता है. हालांकि, अगर आप कहि यात्रा कर रहे हैं, तो आप इसे भोजन के रूप में शामिल कर सकते हैं. यानी अगर केटरिंग की सुविधा नहीं है तो आप ऐसे खाने को स्टोर कर सकते हैं.
Fast Food Benefits – फास्ट फूड के फायदों की बात करें तो यह भी ताजे फल और सब्जियों जैसे आहार की तुलना में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं है. हालांकि, अगर आपके पास घर का बना खाना खाने का विकल्प नहीं है, तो आप इसे एक विकल्प के रूप में शामिल कर सकते हैं.
क्या फास्ट फूड हमेशा जंक फूड होता है? Is fast food always junk food?
हां, फास्ट फूड को हमेशा जंक फूड के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, क्योंकि ये खाद्य पदार्थ संतृप्त वसा और नमक में उच्च होते हैं.
क्या जंक फूड की तुलना में स्वस्थ भोजन अधिक महंगा होता है? Is healthy food more expensive than junk food?
स्वस्थ भोजन मनुष्य का पारंपरिक भोजन है और यह महंगा नहीं है और यदि आप जंक फूड की खरीद में कटौती करते हैं तो आप पैसे भी बचा सकते हैं.
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फास्ट फूड के लाभ
वर्तमान समय में लोग तेज़ी से फास्ट फूड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। स्थिति ये है कि जो फास्ट फूड 90 के दशक में भारत में बस आया ही था वो आज हर गली नुक्कड़ का हिस्सा बन चुका है। कहीं भी नज़र डालें फास्ट फूड के ठेलों और दुकानों की कतारें नज़ार आएंगी। इतना ही नहीं इन सभी दुकानों में भीड़ की कोई कमी नहीं होती।
सप्ताह के हर दिन यहां उतने ही ग्राहक उमड़ते देखे जा सकते हैं जितने की वीकेंड पर। हालांकि फास्ट फूड स्वाद से भरपूर होता है पर इसके खाने से होने वाले नुक्सान की लिस्ट हर कोई गिना सकता है। कभी-कभी फास्ट फूड खाने से आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन जहां आप लगातार बर्गर और फ्राइज़ खाने लगते हैं, वहां समस्या बढ़ जाती है।
जो लोग नियमित रूप से फास्ट फूड खाते हैं, वे अक्सर सिरदर्द से पीड़ित होते हैं, दांतों में तकलीफ का अनुभव करते हैं, उनका वजन बढ़ जाता है और बीपी और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ जाता है। पर ऐसा नहीं है कि फास्ट फूड आफको सिर्फ नुक्सान ही पहुंचा सकता है। इसके कुछ लाभ भी हैं।
1. फास्ट फूड खाना छोड़ने के बजाय देता है कुछ खाने का विकल्प
हालांकि इन दिनों लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग के ज़रिए वज़न कम करने की कोशिश कर रहे हैं पर और यह एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। पर ज़रूरी नहीं कि आप भी इस रेस में शामिल हों। कई बार ये तरीका आपको सूट नहीं करता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपको वज़न घटाने की ज़रूरत ही ना हो। ऐसे में खाना स्किप कर देना एक अस्वस्थ आदत मानी जाती है। जानकार मानते हैं कि वजन कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने द्वारा उपभोग की जाने वाली कैलोरी की संख्या को कम करें। इसके साथ ही व्यायाम के माध्यम से अतिरिक्त कैलोरी को जलाएँ। भोजन छोड़ना इसका विकल्प नहीं हो सकता क्योंकि इससे आपको थकान हो सकती है। साथ ही आप कुछ आवश्यक पोषक तत्वों को खो देते हैं। इसलिए आप फास्ट फूड खाएं पर कोशिश करें कि एक स्वस्थ फास्ट फूड का चयन करें। स्वस्थ फास्ट फूड से मतलब है कि ऐसा भोजन जिसमें तेल मसालों का प्रयोग कम किया जाता हो।
2. फास्ट फूड समय की बचत करेगा
जानकार मानते हैं कि एक औसत परिवार जिसमें पति पत्नी दोनों ही काम पर जाते हैं वो सिर्फ घर के काम काज औऱ दिन भर की गतिविधियों को प्रबंधित करने में लगभग दो घंटे बिता रहा है। इसका मतलब है कि घर पर खाना बनाने के लिए बहुत कम समय हो सकता है। चूंकि फ़ास्ट फ़ूड उद्योग लगभग हर जगह उपलब्ध है, इसलिए आप अपने शेड्यूल को प्रबंधित करने के साथ ही आसानी से भोजन का इंतेज़ाम भी कर सकते हैं। यदि आप घर पर लंच या डिनर बनाने की कोशिश करते हैं तो ज्यादा समय लगता है।पर फास्ट फूड को चुनने में 50% कम समय लगता है। आज की भागती दौड़ती ज़िंदगी में जितना समय भी बच सके वो आप खुद के आराम औऱ परिवार के साथ बिताकर उसका उपयोग कर सकते हैं।
3. फास्ट फूड कीमत में कम होते हैं
फास्ट फूड आइटम अनी कम कीमतों की वजह से भी काफी लोकप्रिय हैं। आप अपने बजट के हिसाब से फास्ट फूड का चयन कर सकते हैं। ये उन लोगों के लिए आसान विकल्प है जिनके पास खाना पकाने का विकल्प मौजूद नहीं है या फिर सीमित संसाधनों में उन्हें अपना पेट भी भरना है। हालाँकि आप हर दिन तीन फास्ट फूड खाना नहीं खाना चाहेंगे, लेकिन कम दामों में मिलने वाला ये भोजन ना सिर्फ पेट भर शरीर की ज़रूरत के हिसाब से ऊर्जा पैदा करने के लिए काफी होता है। यदि आप खाने के लिए जैविक और ताजा उपजे उत्पादों को तरजीह देते हैं तो उसके लिए आपको काफी अधिक कीमत भी चुकानी पड़ती है।एक कम आमदनी वाले परिवार के लिए बाहर खाना वास्तव में सबसे सस्ता विकल्प हो सकता है।
4. आप हर बार बेहतर सेवा की उम्मीद कर सकते हैं
जब आप घर में खाना बनाते हैं तो कई बार खाना अच्छा बनता है पर कई बार खराब भी बन जाता है। पर जब आप फास्ट फूड आर्डर करते हैं तो आप हर बार अच्छे खाने की उम्मीद कर सकते हैं। आजकल हर जगह कई अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखलाएं भी मौजूद हैं जो कम दामों में अच्छा औऱ आपकी पसंद का खाना परोसती हैं। खाने कते स्वपाद के साथ आपको उत्कृष्ट सेवा भी प्रदान की जाती है जैसे खाना समय से पहुंचे और आपको मिलने तक उसकी गर्माहट बनी रहे।
5. बड़े फास्ट फूड उद्योग देतें हैं पोषण की पूरी जानकारी
हालांकि ये माना जाता है कि फास्ट फूड में कैलोरी बहुत अधिक होती हैं।पर सच्चाई ये भी है कि अगर आप किसी वेश्विक रेस्तरां से खाना मंगवाते हैं तो वे खऱाने में मौजूद कैलोरी की गणना प्रदान करते हैं ताकि आप अपने खाने के बारे में एक स्मार्ट निर्णय ले सकें। पोषण संबंधी जानकारी की पूरी खाने के पैकेट पर उपलब्ध कराई जाती है। यही नहीं ये जानकारी आपको उनकी वेबसाइट पर ऑनलाइन भी मिल जाएगी। इसका मतलब है कि फास्ट फूड उद्योग से ऑर्डर करने के लिए आप क्या चुनते हैं, इसके बारे में एक अच्छा विकल्प चुनने के लिए आपके पास जानकारी मौजूद होती है।
6. फास्ट फूड में भी हैं स्वस्थ विकल्प
यदि आप फास्ट फूड को चुनते हैं तो ज़रूरी नहीं कि आप अधिक कैलोरी का सेवन कर रहे हों। ऐसे कई रेस्तरां हैं जो आपको मेनू पर स्वस्थ विकल्प प्रदान करते हैं ताकि आप अपने स्वास्थ्य के हिसाब से विकल्प चुन सकें।रेस्तरां आपको मैदे की जगह आटे की ब्रेड या बन का विकल्प देते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो मैदे की जगह मल्टीग्रेन औऱ अलसी जैसे विकल्प तक मौजूद होते हैं जो आपके खाने के स्वस्थ बनाते हैं। आपकी ज़रूरत के हिसाब से वसा में कमी भी जा सकती है। आप वसा की जगह अधिक सब्ज़िया जैसे गोभी, गाजर,सलाद के पत्ते आदि को चुन सकते हैं। ऐसे में आप अपने शरीर की आवश्यकता के हिसाब से खाना चुनिकर फास्ट फूड को भी हेल्दी बना सकते हैं।
7. कम दामों में स्मार्ट औऱ संपूर्ण आहार
फास्ट फूड में स्वस्थ कल्प भी मौजूद होते हैं। ऐसी कॉम्बो मील के विकल्प मौजूद होते हैं जो आपको कम खर्च में सम्पूर्ण भोजन मुहैया करा सकते हैं। यदि आप कुछ समय पहले से अपने ऑर्डर की योजना बनाते हैं तो आप ऐसे स्मार्ट विकल्प चुन सकते हैं जो बहुत किफायती हों औऱ जिनमें उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों। सैंडविच ऑर्डर करते समय मेयोनीज़ को हटाने का अनुरोध करें या फिर प्रोसेस्ड चीज़ की जगह पनीर के इस्तेमाल पर ज़ोर दें।एक कॉम्बों मील चुनने पर एक हेल्दी सैंडविच एक साइड विकल्प औऱ एक हेल्दी ड्रिंक मंगा सकते हैं।
8. नए विकल्पों का अनुभव और किफायती तरीका
जब हम फास्ट फूड विकल्पों के बारे में सोचना शुरू करते हैं, तो आम तौर पर बर्गर, सैंडविच ,पिज़्जा या चाउमिन जैसी चीज़ें ही दिमाग में आती है। पर संस्कृति ,हर देश में फास्ट फूड के अपने विकल्प होते हैं। यदि आप इन खानों के अलावा ऐसे विकल्प तलाशें जो दूसरे देशों और समुदायों से आपको रूबरू करा सकते हैं तो इससे बेहतर क्या होगा। किसी देश का सूप आपको अच्छा लग सकता है तो कहीं का डेज़र्ट।आप कम दामों में कभी चाइनीज़ तो कभी मैक्सिकन और भी इटैलियन व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं।
इतालवी आइटम नियमित रूप से उसी गति से उपलब्ध होते हैं जैसे बर्गर जॉइंट ऑफर करता है।
फास्ट फूड के होते है नुक्सान भी
हमने आपको फास्ट फूड से होने वाले कई फायदों की जानकारी दी पर इनसे होने वाले नुकसान से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अधिक तैलीय फास्ट फूड खाने से आपका कोलेस्ट्राल बढ़ सकता है जो हाई बीपी औऱ हृदय रोग का कारण बन सकता है।इसके अलावा अधिक मसालों औऱ मैदे के इस्तेमाल के कारण फास्ट फूड कई बार आपके पाचन के लिए समस्या खड़ी कर देता है। इनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में ये शरीर में शुगर लेवल को भी बढ़ा सकता है। लगातार फास्ट फूड खाने से आप अधिक कैलोरी का सेवन कर सकते हैं जो मोटापे का कारण बन सकता है।
ऐसे में फास्ट फूड खाने वालों को यही सलाह दी जाती है कि वो अपने विवेक का इस्तेमाल कर खाने का चुनाव करें। अगर आपको किसी तरह कि परेशानी का अनुभव होता है तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
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जंक फूड पर निबंध
Table of Contents
जंक फूड पर निबंध | Essay on Fast/Junk food in Hindi
अच्छी सेहत के लिए अच्छा आहार बहुत ही आवश्यक है। हम जो भी खाते हैं उसमें संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अच्छा भोजन न केवल हमारी शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है।
पहले के जमाने में लोग केवल शुद्ध भोजन जैसे दूध, दही, शहद, आटा आदि से बने पौष्टिक आहार खाते थे। लेकिन आज के समय में लोग, खासकर नौजवान फास्ट फूड या जंक फूड की ओर बहुत ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। कभी-कभी जंक फूड खाना समस्या नहीं है लेकिन रोज़ या आवश्यकता से ज्यादा खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है।
जंक फूड क्या होता है? What is junk food?
Junk food meaning in Hindi
जंक फूड का नाम पहली बार 1972 में माइकल एफजेक ऑप्शन ने दिया था।
जंक फूड,जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस प्रकार का भोजन जो हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। जंक फूड में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी होती है जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। देखने में यह बहुत ही आकर्षक होता है और लोगों के बीच आसानी से उपलब्ध होता है, इसलिए आज लोगो का जंक फूड के तरफ ज्यादा झुकाव हो रहा है।
जंक फूड की श्रेणी में कौन कौन से खाद्य पदार्थ आते हैं यह अलग-अलग समुदाय के सामाजिक दर्जे पर निर्भर करता है। लेकिन आमतौर पर इसमे चिप्स, चॉकलेट, आइसक्रीम, बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइस व अन्य तली भुनी चीजें शामिल होती है।
जंक फूड में अधिक मात्रा में कैलोरी, चीनी, तेल, चिकना, फैट और कार्बोहाइड्रेट आदि जैसे पदार्थ होते हैं जो कि हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रोफेसर सुशील गुप्ता जो की संजय गांधी स्नातकोत्तर अनुसंधान संस्थान के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर है, उनके अनुसार जंक फूड का अधिक सेवन करने से पिछले 10 वर्षों में मोटापे की समस्या से ग्रसित लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई हैं।
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जंक फूड खाने के दुष्परिणाम/जंक फूड के हानिकारक प्रभाव Junk food harmful effects /Junk food disadvantages
फ़ास्ट फूड में कैलोरी और शुगर ज्यादा होने के कारण यह वजन बढ़ाता है। मोटापा बढ़ने की वजह से बहुत सारी बीमारियों का जन्म होता है।
जंक फूड में पौष्टिक आहार की कमी होती है जो हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। जो लोग अधिक जंग फूड खाते हैं उनमें ज्यादा तनाव होता है।
आलस और थकान
हमारे शरीर को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है जोकि जंक फूड में नहीं होता है। जिस कारण हमारे शरीर में सही मात्रा में विटामिन और प्रोटीन की कमी होने के कारण हमें आलस और थकान महसूस होने लगती है।
हृदय से जुड़े रोग
जंक फूड में इस्तेमाल होने वाली सामग्री अच्छी क्वालिटी की नहीं होती है जो कि हमारे हृदय पर बुरा असर डालती है। अक्सर हार्ट अटैक का कारण जंक फूड भी होता है।
जंक फूड बनाने में कई कई बार उतना स्वच्छता का ध्यान नहीं दिया जाता है जिससे टाइफाइड, जोइंडिस आदि जैसी बीमारियां होती है।
किडनी पर बुरा असर
जंक फूड में अधिक मात्रा में नमक और चिकना होने के कारण हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो कि हमारे किडनी पर बुरा असर डालता है।
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जंक फूड खाने से बचने के उपाय How to get rid of eating too much junk food
आज हमें जंक फूड की लत लग चुकी है, कम पैसों में और आसानी से उपलब्ध होने के कारण हमें जंक फूड खाने की आदत लग गयी है। घर बैठे हम आसानी से जंक फूड ऑर्डर कर देते हैं। परंतु यह हमारी सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव डाल रहा है इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय जानते हैं-
घर पर बनाएं
बाहर से खरीद कर जंक फूड खाने की जगह हमे स्वयं यह सब चीज बनानी सीखनी चाहिए। घर की सामग्री और स्वच्छता से बनाने पर यह हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा।
एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें डाइट चार्ट फॉलो करना होगा। इस डाइट चार्ट में हमें केवल हफ्ते या दस दिन में एक बार ही फास्ट फूड खाना चाहिए। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर न हो या कम हो।
हमें नित्य रूप से व्यायाम करना चाहिए। हम यदि जंक फूड खाते भी हैं तो उसका पाचन बहुत ही आवश्यक है। रोज सुबह सैर पर जाना और व्यायाम करने से हमारे शरीर का फैट बर्न होगा।
आवश्यकतानुसार
हमें फास्ट फूड या जंक फूड तभी खाना चाहिए जब वह अति आवश्यक हो या कोई दूसरा भोजन का विकल्प मौजूद न हो। बिना वजह रोज-रोज केवल स्वाद के लिए खाना बहुत हानिकारक है।
घर का बना भोजन खाये
भूख लगने पर हमें बाहर से जंक फूड मांगकर खाने के जगह घर के बने भोजन का आनंद लेना चाहिए जो कि पौष्टिक भी होता है और हमारे शरीर के लिए सेहत कारी भी है।
अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करना चाहिए, हमारे शरीर में जितना ज्यादा प्रोटीन जाएगा हमें उतनी कम भूख लगेगी। जिससे हमारा ध्यान बार-बार जंक फूड की ओर नहीं जाएगा।
फल आदि का सेवन करें
यदि आपको एकदम भूख लगे और कुछ बनाने का मन न हो तो बाहर से मंगा के खाने की जगह फल आदि का सेवन करें। यदि एक बार आपको फल की आदत लग जाएगी तो एक समय के बाद आप स्वयं ही जंक फूड खाना कम कर देंगे।
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निष्कर्ष conclusion
यदि आप जंक फूड खाने के आदी है तो निश्चय ही आपको इस पर नियंत्रण करना आवश्यक है। यदि हम कम से कम जंक फूड खाये और अपनी सेहत का ध्यान रखें तो हमारे स्वास्थ पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा। लेकिन आवश्यकता से अधिक या बहुत जंक फूड खाना हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। मां बाप को बच्चों को जंक फूड की लत लगने से रोकने के लिए उपाय सोचने चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं इसकी हानियों को समझना चाहिए। उपयुक्त उपायों को ध्यान मे रखकर जंक फूड खाने की अधिक आदत से स्वयं को बचाना चाहिए।
हमें अपने अंदर जंक फूड को लेकर नियंत्रण लाना होगा। यदि एक बार हमारे अंदर संयम आ जाए और हम रोज रोज जंक फूड खाने की आदत से बच जाए तो कभी कभी जंक फूड के मज़े ले सकते है।
धन पर निबंध
आयशा जाफ़री, प्रयागराज
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जंक फूड पर निबंध (Junk Food Essay In Hindi)
फ़ास्ट फ़ूड / जंक फूड पर निबंध (Fast Food / Junk Food Essay In Hindi)
आजकल लोगो में जंक फूड खाने का प्रचलन बहुत बढ़ चूका है। आजकल सभी लोग जंक फूड खाना पसंद करते है। लोगो को दाल, चावल, रोटी और सब्ज़ी खाना पसंद नहीं है। लोग पौष्टिक आहारों की अवहेलना कर जंक फूड खाना पसंद करते है। जंक फूड खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।
युवा अवस्था से ही व्यक्ति को संतुलित आहार खाना चाहिए। लेकिन आजकल के युवा भी जंक फूड के आदि बनते जा रहे है। बच्चो को खासकर यह समझाने की ज़रूरत है कि जंक फूड सेहत के लिए अच्छा नहीं है। स्कूल और कॉलेज में जंक फूड के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित करवानी चाहिए। बच्चे हमेशा अपने माता पिता से जंक फूड खिलाने की जिद्द करते है, जो बिलकुल सही नहीं है।
पिज़्ज़ा, बर्गर इत्यादि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। जंक फूड और फ़ास्ट फूड में फाइबर मौजूद नहीं होता है, जिससे जंक फूड खाने वाले लोगो को कब्ज़ की समस्या होती है। जंक फूड में कैलोरीज की मात्रा ज़्यादा होती है, जिसकी वजह से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याए होती है।
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Essay on Junk Food : जंक फूड पर ऐसे लिख सकते हैं निबंध
- Updated on
- अगस्त 30, 2024
जंक फूड खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है लेकिन अधिक सेवन से उसके नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। अक्सर देखा गया है कि कम उम्र के बच्चे भी फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करते हैं जिससे उनका शारीरिक विकास धीमा होता है। लगातार जंक फूड का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना पड़ सकता है। वर्तमान समय में युवाओं में जंक फूड सर्वाधिक प्रचलित है। जंक फूड के उपयोग को कम करके इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए। जंक फूड बारे जागरूकता बढ़ाने और नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कई बार छात्रों को जंक फूड पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। कई बार जंक फ़ूड जैसे विषय पर विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस ब्लॉग में Essay on Junk Food in Hindi के कुछ सैंपल दिए गए हैं आप जिनकी मदद ले सकते हैं।
This Blog Includes:
जंक फूड पर 100 शब्दों में निबंध, जंक फूड पर 200 शब्दों में निबंध , प्रस्तावना , जंक फूड की बढ़ती लोकप्रियता, जंक फूड से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव, उपसंहार , जंक फूड पर 10 लाइन्स.
Essay on Junk Food in Hindi 100 शब्दों में नीचे दिया गया है-
जंक फूड को फास्ट फूड भी कहा जाता है क्योंकि यह जल्दी तैयार हो जाता है लेकिन इसमें पौष्टिक तत्व नहीं होते हैं। वर्तमान में जंक फूड तक लोगों की पंहुच पहले से कहीं ज़्यादा आसान हो गई है। Research Gate के अनुसार फास्ट फूड में तेल जैसे स्वास्थ्य को हानि पंहुचाने वाले तत्व अधिक होते हैं। ये तत्व रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे सुस्ती, ध्यान न रहना और नींद आती है। अधिक जंक फूड खाने से समय के साथ यह रिफ्लेक्स को धीमा कर सकता है। साथ ही यह एक सुस्त की ओर ले जा सकता है। जंक फूड खाने से दिल के दौरे का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसे प्रतिदिन खाना अपने स्वास्थ्य के साथ में खिलवाड़ करना है।
Essay on Junk Food in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है-
जंक फूड में पोषक तत्वों की कमी के कारण यह किफ़ायती होता है। इसका सस्ता होने एक मुख्य कारण है कि लोग अक्सर इसे क्यों चुनते हैं साथ में यह खाने में भी अधिक मसालेदार होता है। जंक फूड रक्तचाप और शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है और इसके वसा वाले घटकों के कारण हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। जंक फूड पचाने में मुश्किल होता है और ब्लड में ऑक्सीजन के स्तर को कम कर सकता है। यह संभावित रूप से मस्तिष्क के कार्य को बाधित कर सकता है और विभिन्न मानसिक विकारों को जन्म दे सकता है।
हाल ही में जंक फूड की खपत में बढ़ावा देखने को मिला है। यह बाजार में इसकी सुलभता के कारण हुआ है। फास्ट-फूड रेस्तरां और जंक फूड के निर्माता इन खाद्य पदार्थों को खूब बढ़ावा देते हैं। जिससे अधिक उपभोक्ता आकर्षित होते हैं। पोषक तत्वों और विटामिनों की कमी वाले ये जंक फूड अस्वस्थ होते हैं। ये हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर करते हैं। जंक फूड के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावों को रोकने के लिए, हमें अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स का सेवन कम करना चाहिए और स्वस्थ विकल्पों को चुनाव करना चाहिए।
फास्ट-फूड चेन और निर्माताओं द्वारा इसकी मार्केटिंग के कारण लोग इसकी ओर आकर्षित होते हैं। यह प्रवृत्ति चिंताजनक है क्योंकि जंक फूड में आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन की कमी होती है। इसे न चुनना अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमें इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए और अपने समग्र स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को बेहतर बनाने के लिए स्वस्थ विकल्प चुनना चाहिए।
जंक फूड पर 500 शब्दों में निबंध
जंक फूड पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Junk Food in Hindi) नीचे दिया गया है-
‘जंक फ़ूड’ शब्द ही अपने आप में स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभाव को भी बताता है। ये खाद्य पदार्थ अनिवार्य रूप से हानिकारक हैं, जिनमें कोलेस्ट्रॉल, चीनी और कैलोरी की बहुत सारी मात्रा होती है। युवा पीढ़ी जंक फ़ूड का सेवन तेजी से बढ़ा रही है। इस कारण से उनका स्वास्थ्य जोखिम में पड़ रहा है और वे अस्वस्थ जीवनशैली अपना रहे हैं। जंक फ़ूड से कोई लाभ नहीं होता केवल नकारात्मक प्रभाव ही होते हैं। इसके नकारात्मक प्रभाव होने के मुख्य कारण है कि इसमें पोषण मूल्य की कमी होती है। माता-पिता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चों को जंक फ़ूड के खतरों के बारे में शिक्षित करें। वे घर पर स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराएँ ताकि फ़ास्ट फ़ूड खाने की इच्छा कम हो सके।
फास्ट-फूड इंडस्ट्री में तेज़ी से विस्तार हो रहा है। लोग जंक फ़ूड की ओर आकर्षित होते हैं क्योंकि यह देखने में आकर्षक लगता है। कंपनियाँ इसे आकर्षक बनाने के लिए इसकी चतुराईपूर्ण मार्केटिंग करती है जिससे लोगों में इसे खाने की इच्छा उत्पन्न होती है। जंक फ़ूड जल्दी और आसानी से तैयार हो जाता है क्योंकि इसमें पौष्टिक तत्व नहीं होते। इसमें ज़्यादातर हानिकारक तत्व जैसे तेल और चीनी बड़ी मात्रा में होते हैं। इसमें स्वास्थ्य को बढ़ाने वाली सामग्री की कमी होती है जिससे यह सस्ता होता है इसलिए यह कई लोगों के लिए किफ़ायती हो जाता है। इसके अलावा जंक फ़ूड अब उपलब्धता के मामले में पहले से कहीं ज़्यादा सुलभ है। कई फ़ूड डिलीवरी ऐप के साथ, आप सिर्फ़ एक क्लिक पर जंक फ़ूड पा सकते हैं। कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो जंक फ़ूड को आपके दरवाज़े तक पहुँचाते हैं।
जंक फूड प्रोसेस्ड फूड होता है और इसे कई दिनों तक स्टोर किया जा सकता है जो कि आपके सेहत के लिए सबसे खराब है। जंक फ़ूड से ऊर्जा का स्तर तेज़ी से बढ़ता है, लेकिन यह आपके शरीर को कोई फ़ायदा नहीं पहुँचाता; यह सिर्फ़ आपके स्वाद को संतुष्ट करता है। नियमित रूप से जंक फ़ूड खाने से आप अक्सर मूडी हो सकते हैं।
इसके अलावा नियमित रूप से जंक फ़ूड खाने से आपकी एकाग्रता का स्तर कम हो सकता है। यही वजह है कि आजकल बच्चे आसानी से विचलित हो जाते हैं। मोटापा, एक पुरानी बीमारी, जंक फ़ूड के सेवन के कारण आम होती जा रही है।
जंक फ़ूड रक्तचाप और शुगर के स्तर को भी बढ़ाता है, जिससे लोगों को दिल की बीमारियों का ख़तरा ज़्यादा होता है। दिल की बीमारियों मुख्य कारण है क्योंकि इसमें इसमें चर्बी बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। इसे पचाना भी मुश्किल होता है, जो धीरे-धीरे ऑक्सीजन के स्तर को कम करके मस्तिष्क के काम को नुकसान पहुँचा सकता है।
जंक फ़ूड न सिर्फ़ दिल को बल्कि लीवर को भी नुकसान पहुँचाता है। यह शुरुआती दौर में मधुमेह का कारण बन सकता है। जंक फ़ूड में फाइबर की कमी पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचाती है, इससे अक्सर कब्ज़ हो जाता है।
इसे पहचानना और जंक फ़ूड की जगह स्वस्थ विकल्पों को अपनाना ज़रूरी है। घर पर खाना बनाना बाहर से खाना मंगवाने से बेहतर विकल्प है।
निष्कर्ष के तौर पर नियमित रूप से फल और सब्ज़ियाँ खाने से हमें स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। फलों को चुनकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर स्थिति में रख सकते हैं। जंक फ़ूड खाने से बचना सबसे अच्छा है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की कमी होती है और यह हमें निष्क्रिय बनाता है।
जंक फूड पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:
- जंक फूड बहुत प्रोसेस्ड होता है। जंक फूड में चीनी, नमक और तेल के कारण वसा की उच्च मात्रा होती है।
- जंक फूड जल्दी तैयार हो जाने और स्वाद के कारण लोकप्रिय है।
- यदि आप जंक फूड का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो इससे आपको मोटापा और हृदय रोग जैसी कई बीमारियां हो सकती है।
- जंक फूड में विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पौषक तत्व न के बराबर होते हैं।
- फास्ट फूड की चेन और पैकेज्ड स्नैक्स जंक फूड के कुछ सामान्य स्रोत हैं।
- बच्चों और किशोर जंक फूड के स्वाद के कारण इसे अत्यधिक पसंद करते हैं।
- कई बार जंक फूड खाने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे लोगों में मूड स्विंग और शरीर में ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है।
- जंक फूड के उपयोग को कम करने के लिए फलों और सब्जियों जैसे स्वस्थ विकल्पों को चुनकर इसकी आदत में सुधार हो सकता है।
- जंक फूड अक्सर स्वस्थ भोजन के विकल्पों की तुलना में अधिक किफायती होता है।
- जंक फूड का उपयोग करने और कभी-कभार इसका सेवन नियमित रुप से करने से यह कम हानिकारक है।
आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा और प्रकार आपकी आयु, पहले से मौजूद बीमारी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं पर आधारित होंगे। अस्वास्थ्यकर भोजन – ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें आवश्यक पोषण मूल्य कम होता है और जिनमें खराब वसा, कैलोरी आदि अधिक होती है, उन्हें अस्वास्थ्यकर भोजन कहा जा सकता है।
भोजन अंततः आपका मित्र होना चाहिए, शत्रु नहीं। आप जो खाते हैं उसके साथ स्वस्थ संबंध बनाए रखना, खुद से प्यार करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भोजन को “अच्छा” या “बुरा” कहने के बजाय, इस बात पर ध्यान दें कि आपको सबसे अच्छा क्या लगता है।
संपूर्ण खाद्य विकल्प चुनें, जैसे कि साबुत अनाज और साबुत अनाज कार्बोहाइड्रेट जैसे पास्ता, ब्रेड और आटा। अतिरिक्त नमक, चीनी और संतृप्त वसा से दूर रहने के लिए जंक फूड के बजाय मीठे के लिए ताजे फल चुनें। पैकेट के पीछे दिए गए पोषण संबंधी सूचना पैनल का उपयोग करके अपने भोजन के पोषण मूल्य की जांच करें।
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जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food
जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi: जंक फूड बहुत हानिकारक है जो धीरे-धीरे वर्तमान पीढ़ी के स्वास्थ्य को दूर कर रहा है । यह शब्द ही बताता है कि यह हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका स्वाद इतना अच्छा होता है कि लोग रोजाना इसका सेवन करते हैं। हालांकि, जंक फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं फैली है।
जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food Essay in Hindi
समस्या आपके विचार से अधिक गंभीर है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि जंक फूड हमारे स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इनमें कैलोरी, वसा और चीनी की मात्रा अधिक होती है। इसके विपरीत, उनके पास बहुत कम मात्रा में स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं और आहार फाइबर की कमी होती है । माता-पिता को अपने बच्चों को जंक फूड का सेवन करने से हतोत्साहित करना चाहिए क्योंकि इससे किसी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव पड़ते हैं।
जंक फूड का प्रभाव
अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ाने के लिए जंक फूड सबसे आसान तरीका है। भोजन में वसा और चीनी की मात्रा आपको तेजी से वजन बढ़ाती है। हालांकि, यह एक स्वस्थ वजन नहीं है। यह वसा और कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा है जिसका आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। आजकल मोटापा बढ़ने का एक मुख्य कारण जंक फूड भी है।
यह भोजन केवल अच्छा दिखता है और अच्छा लगता है, इसके अलावा, इसका कोई सकारात्मक बिंदु नहीं है। आपके शरीर को फिट रहने के लिए जितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है वह इस भोजन से पूरी नहीं होती है। उदाहरण के लिए, फ्रेंच फ्राइज़, बर्गर, कैंडी और कुकीज़ जैसे खाद्य पदार्थ, सभी में उच्च मात्रा में चीनी और वसा होते हैं। इसलिए, इससे मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ हो सकती हैं। इससे किडनी फेल भी हो सकती है।
इन सबसे ऊपर, आप आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन, खनिजों और अधिक का उपभोग नहीं करने पर विभिन्न पोषण संबंधी कमियां प्राप्त कर सकते हैं। ख़राब कोलेस्ट्रॉल और फैट प्लस सोडियम के सेवन से आपको हृदय रोगों का खतरा हो जाता है। दूसरे शब्दों में, यह सब आपके दिल के कामकाज में हस्तक्षेप करता है।
इसके अलावा, जंक फूड में कार्बोहाइड्रेट का उच्च स्तर होता है। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत बढ़ा देगा। यह सुस्ती, निष्क्रियता और नींद में परिणाम देगा। एक व्यक्ति पलटा सुस्त हो जाता है और वे एक निष्क्रिय जीवन जीते हैं। चीजों को बदतर बनाने के लिए, जंक फूड आपकी धमनियों को भी बंद कर देता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा देता है। इसलिए, अपने जीवन को बर्बाद होने से बचाने के लिए इसे पहली बार में टालना चाहिए।
जंक फूड से बचने के तरीके
जंक फूड के साथ मुख्य समस्या यह है कि लोगों को अब इसके बुरे प्रभावों का एहसास नहीं है। जब समय आता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, मुद्दा यह है कि यह आपको तुरंत प्रभावित नहीं करता है। यह आपके ओवरटाइम पर काम करता है; आप जल्दी या बाद में परिणाम का सामना करेंगे। इस प्रकार, अब रोकना बेहतर है।
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आप अपने बच्चों को कम उम्र से हरी सब्जियां खाने के लिए प्रोत्साहित करके जंक फूड से बच सकते हैं। उनकी स्वाद की कलियों को इस तरह विकसित किया जाना चाहिए कि वे स्वस्थ भोजन स्वादिष्ट लगें। इसके अलावा, चीजों को मिलाने की कोशिश करें। रोज एक ही हरी सब्जी को एक ही स्टाइल में न परोसें। विभिन्न व्यंजनों का पालन करते हुए विभिन्न प्रकार के स्वस्थ भोजन को अपने आहार में शामिल करें। यह उन्हें जंक फूड के प्रति आकर्षित होने के बजाय घर पर खाद्य पदार्थों की कोशिश करने में मदद करेगा।
संक्षेप में, उन्हें पूरी तरह से इससे वंचित न करें क्योंकि इससे मदद नहीं मिलेगी। बच्चों के पास इसे पाने का एक तरीका या दूसरा तरीका होगा। सुनिश्चित करें कि आप उन्हें जंक फूड सीमित मात्रा में और स्वस्थ समय पर दें।
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Junk Food Essay In Hindi- जंक फूड निबंध हिंदी में
जंक फ़ूड का स्वाद अच्छा होता है इसलिए यह किसी भी आयु वर्ग के सभी लोगों विशेषकर बच्चों और स्कूल जाने वाले बच्चों द्वारा पसंद किया जाता है। वे आम तौर पर रोजाना जंक फूड मांगते हैं क्योंकि बचपन से ही उनके माता-पिता द्वारा उनका रुझान रहा है। स्वास्थ्य पर जंक फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में उनके माता-पिता द्वारा कभी चर्चा नहीं की गई। वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि जंक फूड स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव डालता है।
ये आम तौर पर पैकेट में बाजार में मिलने वाला तला हुआ खाना होता है। वे कैलोरी में उच्च, कोलेस्ट्रॉल में उच्च, स्वस्थ पोषक तत्वों में कम, सोडियम खनिज में उच्च, चीनी, स्टार्च, अस्वास्थ्यकर वसा, प्रोटीन की कमी और आहार फाइबर की कमी में उच्च हो जाते हैं।
प्रसंस्कृत और जंक फूड तेजी से और अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ाने के साधन हैं और जीवन भर पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति को अत्यधिक वजन बढ़ाने में सक्षम बनाता है जिसे मोटापा कहा जाता है। जंक फ़ूड खाने में अच्छे लगते हैं और दिखने में भी अच्छे लगते हैं लेकिन शरीर की स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ जैसे फ्रेंच फ्राइज़, तले हुए खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, शीतल पेय, बेक्ड माल, आइसक्रीम, कुकीज आदि उच्च चीनी और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार यह पाया गया है कि जंक फूड खाने वाले बच्चों और बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा होता है। टाइप-2 डायबिटीज में हमारा शरीर ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में असमर्थ हो जाता है। अधिक मोटे या अधिक वजन होने के कारण इस रोग के होने का खतरा बढ़ रहा है। इससे किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
रोजाना जंक फूड खाने से हमें शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है क्योंकि इसमें आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन, आयरन, खनिज और आहार फाइबर की कमी होती है। यह हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है क्योंकि यह संतृप्त वसा, सोडियम और खराब कोलेस्ट्रॉल से भरपूर होता है। उच्च सोडियम और खराब कोलेस्ट्रॉल आहार रक्तचाप को बढ़ाता है और हृदय की कार्यप्रणाली को अधिभारित करता है।
जो लोग जंक फूड पसंद करते हैं, उनमें अतिरिक्त वजन बढ़ने और मोटा और अस्वस्थ होने का खतरा बढ़ जाता है। जंक फूड में उच्च स्तर का कार्बोहाइड्रेट होता है जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है और व्यक्ति को अधिक सुस्त, नींद और कम सक्रिय और सतर्क बनाता है। इस भोजन को खाने वाले लोगों की सजगता और इंद्रियां दिन-ब-दिन सुस्त हो जाती हैं और इस प्रकार वे अधिक गतिहीन जीवन जीते हैं। जंक फूड्स कब्ज और अन्य बीमारियों जैसे मधुमेह, हृदय रोग, बंद धमनियां, दिल का दौरा, स्ट्रोक आदि का स्रोत हैं क्योंकि पोषण में कमी है।
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जंक फूड पर निबंध
By विकास सिंह
जंक फूड स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा भोजन नहीं है जिसे हर बच्चे और बच्चों को पता होना चाहिए क्योंकि वे आम तौर पर जंक फूड खाना पसंद करते हैं। जंक फूड के बारे में जागरूक करने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता के दौरान स्कूली छात्रों को जंक फूड पर निबंध एक सामान्य विषय है अतः यहाँ से आप ऐसे निबंध लिखने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
जंक फूड पर निबंध, 100 शब्द:
अच्छा स्वास्थ्य हम में से हर एक के लिए एक स्वस्थ जीवन जीने की आवश्यकता है जो पूरे जीवन में स्वस्थ आहार और स्वस्थ आदतों को बनाए रखने से ही होता है। हालाँकि, कई लोगों में जंक फूड खाने का रिवाज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और हमारे भविष्य को और हमारी आने वाली पीढ़ियों को दुखी और रोगग्रस्त बनाता है।
माता-पिता को अपने बच्चों और बच्चों की खाने की आदतों के प्रति बहुत सचेत होना चाहिए क्योंकि बचपन में वे कभी भी अपने अच्छे या बुरे को नहीं जानते और तय करते हैं इसलिए यह माता-पिता हैं जो अपने बच्चों के बीच अच्छे या बुरे खाने की आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्हें अपने बच्चों को बचपन से खाने की आदतों के बारे में प्रशिक्षित करना चाहिए और उन्हें स्वस्थ और जंक खाद्य पदार्थों के बीच अंतर के बारे में स्पष्ट करना चाहिए।
जंक फूड पर निबंध, 150 शब्द:
आमतौर पर जंक फूड हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बहुत आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं। हालांकि, यह बहुत सच है कि वे अंदर से बहुत मोटे हैं। वे बाहर से जो देखते हैं वह अंदर से कभी नहीं बनते। जंक फूड को कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, वे सभी तरह से अस्वास्थ्यकर साबित हुए हैं।
जंक फूड सेहत के लिए हानिकारक होते हैं और जो लोग जंक फूड खाने की प्रैक्टिस करते हैं, उनके स्वास्थ्य को कई विकार हो जाते हैं। इससे हृदय रोग, कैंसर, जल्दी बुढ़ापा, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्या, मधुमेह, मानसिक विकार, यकृत विकार, पाचन तंत्र की समस्याएं, कब्ज, दस्त, दिल का दौरा, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस और इतने सारे स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं।
शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि यौवन सबसे संवेदनशील उम्र है जिसके दौरान व्यक्ति को स्वस्थ खाने की आदतों का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि इस उम्र के दौरान शरीर में वयस्क आयु समूह में प्रवेश करने के लिए एक को तैयार करने के लिए कई परिवर्तन होते हैं।
जंक फूड पर निबंध, 200 शब्द:
जंक फूड शब्द का अर्थ है, कचरे के सामान खाना जोकि शरीर के लिए बिलकुल भी लाभप्रद नहीं है। यह कम पोषण और शरीर प्रणालियों के लिए हानिकारक है। जंक फूड्स के अधिकांश में संतृप्त वसा, चीनी, नमक और खराब कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर होता है जो स्वास्थ्य के लिए विष है। वे आहार फाइबर की कमी हो जाती हैं, जिससे कब्ज और अन्य पाचन विकार पैदा करने में आसानी से शामिल हो जाते हैं।
अच्छे स्वाद और पकाने में आसान होने के कारण जंक फूड्स को इतनी लोकप्रियता मिली है। पॉलीबैग में पैक किए गए बाजार में कई रेडीमेड जंक फूड उपलब्ध हैं। अधिकांश लोग अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण ऐसे रेडीमेड खाद्य पदार्थों पर निर्भर हैं या वे घर पर खाना बनाना नहीं जानते हैं।
दुनिया भर में जंक फूड की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और वे आम तौर पर खाने के लिए चुनते हैं जब भी वे जन्मदिन की पार्टी, शादी की सालगिरह आदि जैसे परिवार के साथ विशेष समय का आनंद लेते हैं, तो वे आसानी से शीतल पेय, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, आदि लेने के आदी हो जाते हैं। पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़, चीनी व्यंजन और बाजार में उपलब्ध फास्ट फूड की अन्य किस्में।
जंक फूड पर निबंध, Essay on junk food in hindi (250 शब्द)
प्रस्तावना:.
जैसा कि हम सभी जंक फूड्स के बारे में सच्चाई जानते हैं और इसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह एक सबसे दिलचस्प सवाल है कि हर कोई इसकी सच्चाई जानने के बाद भी जंक फूड खाना क्यों पसंद करता है। आजकल हममें से हर कोई जंक फूड का स्वाद अच्छी तरह से ले रहा है क्योंकि यह स्वादिष्ट, सस्ती और आसानी से उपलब्ध है। जंक फूड्स का कोई पोषण मूल्य और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक आवश्यक सामग्री नहीं है।
अगर नियमित रूप से सेवन किया जाए तो मैं स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हूं। यह शरीर के ऊर्जा स्तर में स्पाइक का कारण बनता है और नींद संबंधी विकार पैदा करता है। यह एकाग्रता के स्तर को कम करता है और पुरानी बीमारियों जैसे मोटापा, हार्मोनल असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि को बुलावा देता है।
जंक फूड बहुत अधिक तैलीय हो जाते हैं और आहार तंतुओं की कमी हो जाती है, इसलिए वे पचाने में कठिन होते हैं और शरीर से इस प्रक्रिया को करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है और व्यक्ति को शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की कमी होती है जो अनुचित मस्तिष्क क्रियाओं की ओर ले जाती है। जंक फूड खराब कोलेस्ट्रॉल में उच्च होते हैं और दिल और यकृत को नुकसान पहुंचाते हैं। आहार फाइबर की कमी के कारण वे पेट और अन्य पाचन अंगों में खिंचाव पैदा करते हैं और इसके परिणामस्वरूप कब्ज होता है।
जंक फूड हमेशा स्वास्थ के लिए हानिकारक होते हैं और अगर कोई स्वास्थ्य लाभ प्रदान किए बिना नियमित रूप से लिया जाए तो स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ती है। हमें जीवन भर अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन का आनंद लेने के लिए जंक फूड खाने से बचना चाहिए।
जंक फूड पर निबंध, 300 शब्द:
कम उम्र में अपने शरीर में उच्च शर्करा संग्रह के कारण ऐसे बच्चों को मधुमेह और सुस्त होने का खतरा होता है। जंक फूड्स में सोडियम खनिज की उच्च मात्रा के कारण उन्हें उच्च रक्तचाप मिलता है। बच्चों और बच्चों को बचपन से ही स्वस्थ खान-पान का पालन करने के लिए उनके माता-पिता द्वारा प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
जंक फूड पर निबंध, Essay on junk food in hindi (400 शब्द)
जंक फूड्स का स्वाद अच्छा होता है और इसे ज्यादातर किसी भी आयु वर्ग के बच्चे और स्कूल जाने वाले बच्चे सभी पसंद करते हैं। वे आम तौर पर जंक फूड रोज मांगते हैं क्योंकि उनका रुझान बचपन से ही उनके माता-पिता से है। स्वास्थ्य पर जंक फूड के हानिकारक प्रभावों के बारे में उनके माता-पिता ने कभी चर्चा नहीं की।
वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, यह पाया गया है कि जंक फूड्स का स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे आम तौर पर बाजार में मिलने वाले तला हुआ भोजन पैकेट में हैं। वे कैलोरी में उच्च, कोलेस्ट्रॉल में उच्च, स्वस्थ पोषक तत्वों में कम, सोडियम खनिज में उच्च, चीनी, स्टार्च, अस्वास्थ्यकर वसा, प्रोटीन की कमी और आहार फाइबर की कमी में उच्च हो जाते हैं।
प्रोसेस्ड और जंक फूड्स तेजी से और अस्वास्थ्यकर वजन बढ़ाने के साधन हैं और जीवन भर पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति को अत्यधिक वजन हासिल करने में सक्षम बनाता है जिसे मोटापा कहा जाता है। जंक फूड्स का स्वाद अच्छा लगता है और अच्छा लगता है लेकिन यह शरीर की स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है।
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे फ्रेंच फ्राइज़, तले हुए खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, शीतल पेय, पके हुए सामान, आइसक्रीम, कुकीज़, आदि उच्च चीनी और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के उदाहरण हैं। यह रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार पाया जाता है कि जंक फूड खाने वाले बच्चों और बच्चों को टाइप -2 मधुमेह होने का अधिक खतरा होता है।
टाइप -2 डायबिटीज में हमारा शरीर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में असमर्थ हो जाता है। इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ता जा रहा है क्योंकि व्यक्ति अधिक मोटापा या अधिक वजन का हो गया है। यह गुर्दे की विफलता का खतरा बढ़ाता है। रोजाना जंक फूड खाने से शरीर में पोषण की कमी हो जाती है क्योंकि इसमें आवश्यक पोषक तत्वों, विटामिन, आयरन, खनिज और आहार फाइबर की कमी होती है।
यह हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है क्योंकि यह संतृप्त वसा, सोडियम और खराब कोलेस्ट्रॉल से समृद्ध है। उच्च सोडियम और खराब कोलेस्ट्रॉल आहार रक्तचाप बढ़ाता है और हृदय की कार्यप्रणाली को ओवरलोड करता है। जो लोग जंक फूड पसंद करते हैं, वे अतिरिक्त वजन पर डालते हैं और मोटे और अस्वस्थ हो जाते हैं।
जंक फूड्स में उच्च स्तर कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं और व्यक्ति को अधिक सुस्त, नींद और कम सक्रिय और सतर्क बनाते हैं। इस भोजन को खाने वाले लोगों की सजगता और होश दिन-ब-दिन सुस्त होते जाते हैं और इस प्रकार वे अधिक गतिहीन जीवन जीते हैं। जंक फूड्स पोषण में खराब होने के कारण कब्ज और अन्य बीमारी जैसे मधुमेह, हृदय रोग, भरा हुआ धमनियों, दिल का दौरा, स्ट्रोक आदि का स्रोत हैं।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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हम भोजन क्यों खाते हैं? भोजन क्यों आवश्यक है? Importance of Food Essay in Hindi
यह तो आप भली-भाँति जानते होंगे कि ज़िंदा रहने के लिए नियमित रूप से भोजन करना काफ़ी ज़रूरी है। लेकिन फिर भी, भोजन हमें ज़िंदा रहने के लिए मदद कैसे करता है? आइए जानते हैं कि भोजन किस-किस रूप में हमारे शरीर की ज़रूरतें पूरी करता है। हम खाना क्यों खाते हैं?
भोजन क्यों आवश्यक है?
भोजन इसलिए आवश्यक है क्योंकि इससे हमें सबसे पहले तो ऊर्जा यानी ताक़त मिलती है। इसके बाद जब कभी हम बीमार होते हैं या उम्र के अनुसार बूढ़े होते हैं तो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और कोशिकाओं की मरम्मत करने में भोजन बहुत काम आता है। साथ ही, भोजन में अलग-अलग पदार्थ पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताक़त देते हैं और हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
भोजन में पाए जाने वाले तत्त्व शरीर में अलग-अलग कार्य करते हैं। कार्य के आधार पर इन तत्वों को पाँच भागों में बाँटा गया है।
- कार्बोहाइड्रेट: शरीर को ऊर्जा देने वाले पदार्थ को कार्बोहाइड्रेट कहते हैं। मेहनत-मज़दूरी करने वालों को इनकी अधिक जरुरत होती है। यह गेहूँ, जौ, चावल, आलू, शकरकंदी, गुड़ आदि में पाया जाता है।
- वसा: वसा शरीर को ऊर्जा/शक्ति देता है। यह हमें घी, मक्खन और तेल आदि से प्राप्त होता है।
- प्रोटीन: प्रोटीन शरीर को बढ़ने में और टूट-फूट की मरम्मत करने में सहायक होता है। बच्चों को प्रोटीन अधिक मात्रा में चाहिए, ताकि उनका शरीर अच्छी तरह बढ़ सके। इसी तरह बड़ों को भी घाव होने पर (चोट लगने या ऑपरेशन करवाने पर) अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है, ताकि घाव ठीक तरह से भर जाए।
- खनिज लवण: खनिज लवण शरीर को मज़बूती देने वाले और रोगों से बचाने वाले पदार्थ हैं। ये हमें थोड़ी मात्रा में ही चाहिए, परंतु स्वस्थ तथा मज़बूत शरीर के लिए इनका भोजन में होना जरुरी है। खनिज लवणों में लोहा, सोडियम, कैल्शियम, आयोडीन, फ़ॉस्फोरस आदि हैं।
- विटामिन: विटामिन हमें रोगों से बचाते हैं। इन्हें A, B, C, D, E आदि आम दिया गया है। ये विटामिन हमें फलों, सब्ज़ियों, सूखे मेवों, दूठ, मक्खन आदि से मिलते हैं। विटामिन D हमें धूप से मिलता है।
हम भोजन क्यों खाते हैं?
स्वस्थ शरीर के लिए जरुरी है कि हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन ये पाँचों तत्त्व सही मात्रा में हों। जिस भोजन में पाँचों तत्त्व सही मात्रा में होते हैं, उसे ‘संतुलित भोजन’ कहते हैं।
वह भोजन जिनमें अनाज, घी, तेल, दाल , सब्ज़ियाँ, मौसमी फल शमिल हैं, संतुलित भोजन कहलाता है। बच्चे के लिए दूध एक संतुलित आहार माना जाता है। परंतु दूध में भी लोहे व विटामिन सी की कमी होती है। छोटे बच्चों को पेट भर खाना न मिलने पर सूखा रोग हो सकता है।
कुछ लोग स्वाद के लिए या जल्दी भूख मिटाने के लिए बर्गर, नूडल्स आदि fast food खाकर ही गुज़ारा कर लेते हैं। इस प्रकार का भोजन अधिक खाने से शरीर में कई तत्त्वों की कमी हो जाती है, कई बार फूड पॉइजनिंग के मामले भी सामने आ जाते हैं और शरीर स्वस्थ नहीं रहता। अतः हमें फ़ास्ट फ़ूड से दूर रहना चाहिए।
अधिकतर औरतों को ‘एनीमिया’ या खून की कमी हो जाती है। यह रोग भोजन में लोहे की कमी या कभी-कभी विटामिन बी की कमी से होता है। इससे बचने के लिए भोजन में पालक जैसी हरी सब्ज़ियाँ, शलजम, गाजर, गुड़, चने, अंडा, कलेजी आदि खाना चाहिए।
मज़बूत हड्डियों के लिए शरीर को कैल्शियम और विटामिन डी की जरुरत होती है। इसके लिए दूध, अंडा, मछली, पालक आदि खाना चाहिए। धूप में बैठने से भी शरीर में विटामिन ‘डी’ की कमी नहीं रहती।
स्वस्थ आँखों के लिए विटामिन ‘ए’ वाले पदार्थ- गाजर, आम, पपीता , बन्दगोभी, दूध, मछली का तेल आदि खाना लाभदायक है। अनाज के छिलकों में भी विटामिन ‘ए’ खूब मिलता है।
मसूढ़ों से खून निकलता हो तो आँवला, नींबू, अमरूद, टमाटर आदि ‘विटामिन सी’ से भरपूर चीजों को खाने से लाभ होता है। ‘विटामिन सी’ हमारे शरीर की प्रतिरोधक-शक्ति (रोगों से बचाव की ताकत) को भी बढ़ाता है।
नमक ख़रीदते समय ध्यान रहे कि उस पर ‘आयोडीनयुक्त नमक’ लिखा हो। शरीर में आयोडीन की कमी होने से गले में घूमड़ जैसा हो जाता है। इसे घेंघा या गलगंड रोग कहते हैं। आयोडीनयुक्त नमक खाने से शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होती।
भोजन में अलग-अलग विटामिन, मिनरल्स और अन्य महत्वपूर्ण पदार्थ होते हैं, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसलिए भोजन करते समय हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि जो भी खाना हम खाते हैं वो हमारे शरीर के लिए अच्छा होना चाहिए, और जितना हो सके ‘जंक फ़ूड’ से दूर रहना चाहिए।
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फास्ट फूड / जंक फूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi
फास्ट फूड जंक फूड पर निबंध Essay on Junk Food in Hindi : आज की जीवन शैली में फास्ट फूड का चलन बहुत अधिक हैं, हर जगह आसानी से मिलने और स्वादिष्ट होने के कारण युवा बच्चें, महिलाएं यहाँ तक की वृद्ध की जंक फूड के बेहद शौकीन होते हैं.
जब भी बाहर खाने का मौका हाथ लगता है वे स्वास्थ्य की परवाह किये बगैर इनको खाते हैं. आज के निबंध में हम फास्ट फूड के बारे में जानेगे.
त्वरित भोजन (फास्ट फूड) आज के भौतिक युग में हमारे भोजन का सबसे बड़ा विकल्प बन गया है. परन्तु Junk Food शरीर के स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा नही करता हैं. जिसके कारण मनुष्य हर समय थकान महसूस करता हैं.
और दैनिक कार्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं रहता हैं. हमारे देश में फास्ट फूड से बेहतर पौष्टिक देशी आहार रोजमर्रा के जीवन में मौजूद हैं. जैसे पोहा, पकोड़े, इडली, डोसा, अंकुरित अनाज, फल, अंडे, उपमा, गजक, तिलपट्टी, गुड़, सांगरी, मठरी आदि जिनकें उपयोग से हमारे शरीर में कोई नुकसान नहीं पहुचता हैं.
जंक फूड यानि फास्ट फूड के नियमित उपयोग से मोटापा, कई गंभीर बीमारियाँ, हाइपरटेंशन आदि हानिकारक दुष्प्रभावों को झेलना पड़ता हैं. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग एवं स्वस्थ मानसिकता निवास करती हैं. परन्तु फास्ट फूड/जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, नुडल्स आदि हमें स्वस्थ शरीर नहीं देते हैं.
क्योंकि फास्ट फूड/जंक फूड में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा शामिल नहीं हैं. और वसा की बड़ी मात्रा होती हैं जो शरीर में जमकर वजन को बढ़ाती हैं. यही बढ़ा हुआ वजन दिल के दौरे, रक्तचाप, गुर्दे, गाठिया, मधुमेह आदि रोग को निमंत्रण देता हैं.
इस कारण ना स्वस्थ शरीर और न ही फास्ट फूड/जंक फूड से स्वस्थ मानसिकता मिलती हैं. ग्रसित मानसिकता कई अपराधों के लिए जिम्मेदार होती हैं.
मानव में आमतौर पर स्वस्थ रहने के लिए किशोरावस्था में लगभग 1800 से 2600 कैलोरी, वयस्क महिलाओं को 2200 तथा वयस्क पुरुष को 2000 सें 3200 कैलोरी की आवश्यकता होती हैं.
किसी भी आहार से प्राप्त कैलोरी में कम मात्रा में संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, कोलेस्ट्रोल नमक, शक्कर आदि होने चाहिए. परन्तु फास्ट फूड/जंक फूड में इन सभी की मात्रा अत्यधिक होती हैं. जो हमारे शरीर को नुकसान करता हैं. एवं धीरे धीरे बीमारियाँ उत्पन्न करता हैं.
यही कारण हैं आज स्कूल के बच्चों में मोटापा, विकृत एवं कमजोर मानसिकता होती जा रही हैं और वें कई सारे अपराधों को भी अंजाम देते हैं.
साथ ही शारीरिक रूप से भी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. फास्ट फूड/जंक फूड में अक्सर बहुत अधिक कैलोरी एवं बहुत कम पोषण होता हैं.
अलग अलग स्वाद व आसानी से मिल जाने के कारण आज हर प्रकार की आयु वर्ग फास्ट फूड/जंक फूड की ओर खीचा जा रहा हैं.
जिसनें सेहत सम्बन्धी कई परेशानियों के विरुद्ध हमें संघर्ष करना पड़ता हैं. जिसके हम नियमित तौर पर कई घातक परिणाम देख रहे हैं.
जंक फूड खाने के परिणाम Effects Of Eating Junk Food In Hindi
नियमित और निरंतर रूप से जंक फूड के सेवन से कई प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं देखी जा सकती हैं. मुख्य रूप से इसका अधिक सेवन करने वाले लोगों को इन मुश्किलों से गुजरना पड़ता हैं.
अच्छे और पौष्टिक भोजन में सभी प्रकार के आवश्यक तत्व जैसे प्रोटीन, वसा आदि होते हैं. घर में बनने वाले भोजन में सभी का एक संतुलन होता हैं. मगर बाहर मिलने वाले जंक फूड अथवा फास्ट फूड अधिकाँश तरल पदार्थों के बने होते हैं.
अधिक वसा युक्त घी और तेल के बने इन पकवानों को खाने से शरीर में चर्बी का जमाव बनता रहता हैं. पसीना न निकलने और हार्ड वर्किंग की कमी से यह मोटापे में बदलना शुरू हो जाता हैं. वजन का बढ़ना आज हर उम्र के लोगों से जुड़ी समस्या हैं.
आनन फानन में बाहर बनने वाले भोजन में सही मात्रा में चीजों का चयन करने का ध्यान नहीं रखा जाता हैं. अधिकतर फास्ट फूड के भोजन अधिक मसालेयुक्त, तीखे, घी या तेल में तले होते हैं, इनमें आवश्यकता से अधिक नमक भी मिला दिया जाता हैं.
अधिक मात्रा में नमक का सेवन स्वस्थ व्यक्ति को हाइपरटेंशन की ओर ले जाता हैं. नियमित रूप से बाहर खाने से यह समस्या और तेजी से बढ़ने लगती है तथा कई अन्य स्वास्थ्य से जुड़े दोष परिलक्षित होने लगते हैं.
आजकल टायफाइड बहुत सिमित रोग हो गया हैं, खासकर बरसात आदि के दिनों में इसका संक्रमण अधिक देखा जाता हैं. घर में हमेशा खाना बनाते समय बर्तनों, सब्जी, अनाज को अच्छी तरह साफ़ कर धोकर भोजन तैयार किया जाता हैं.
मगर बाजार की चौखट पर पकने वाले भोजन में इन सभी साफ़ सफाई का कोई ध्यान नहीं रखा जाता हैं. गली सड़ी सब्जियों बांसी भोजन और यहाँ तक कि गंदे बर्तनों और हाथों से लोगों को भोजन परोसा जाता है, अस्वस्थता की ये आदते व्यक्ति में टायफाइड और डायरिया जैसी बीमारियों को जन्म दे सकती हैं.
आज यदि हर उम्र के लोगों में व्याप्त भयावह स्वास्थ्य कोई समस्या हैं तो वह ह्रदय रोग हैं. बीपी से लेकर हार्ट अटैक तक की सभी समस्याओं का कारण शरीर में बढ़ी कोलेस्ट्रोल की मात्रा होती हैं.
अधिक वसायुक्त भोजन इस समस्या का कारण बनता हैं. घरों में बनने वाले भोजन में गृहणी एक नियत मात्रा में तेल आदि को भोजन बनाते समय काम लेती हैं.
मगर बाजार में बनने वाले चटपटे मसालेदार तीखे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मिलावट युक्त घटिया तेल के साथ पकाया जाता हैं. कई बार पकवान ठंडे हो जाने पर बार बार उसे तला जाता हैं. जंक फूड/ फास्ट फ़ूड इस तरह ह्रदय रोगियों के लिए जानलेवा बन जाता हैं.
खाना खाकर भी पेट की भूख को तृप्ति न मिले तो यकीनन हमने खाने के स्थान पर अपौष्टिक और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाली चीजों को खाया हैं. पेट भरने भर के लिए बाजारों में मिलने वाले फास्ट फ़ूड पर बहुत से लोगों का भोजन निर्भर करता हैं.
ऑफिस स्कूल या फैक्ट्री में काम करने वाले बहुत से लोग इस तरह के भोजन को अपने एक वक्त के भोजन के रूप में काम में लेते हैं. लम्बे समय तक इनका सेवन करने से कुपोषण का शिकार हो सकते हैं.
कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राईस, चाइनीज खाना ऐसे सैकड़ों फास्ट फूड बेहद लोकप्रिय है इनके उपभोग का स्तर निरंतर बढ़ रहा हैं. यह हमारे भविष्य के लिए बिलकुल भी अच्छा संकेत नहीं हैं.
सभी उम्र के लोग जंक फूड के प्रति दिलचस्पी दिखाते हैं. विभिन्न छोटी बड़ी पार्टियों में भोजन का ऑर्डर ऐसे ही किसी रेस्तरा या होटल वाले को मिलता हैं.
अभिभावकों को अपने बच्चों को इस बुरी लत से बचाने के लिए पहले स्वयं इनके प्रयोग से बचना चाहिए, तत्पश्चात बच्चों को इनके गलत परिणामों से अवगत कराना चाहिए. क्योंकि बच्चें अमूमन सही गलत का निर्णय नहीं कर पाते है उन्हें जो चीज पसंद होती है वे ही खानी पसंद करते हैं.
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Zabardast article hai. Thanks
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जंक फूड पर निबंध – Essay on junk food in hindi
जंक फूड्स स्वाद कलियों के लिए एक इलाज हो सकता है, लेकिन इन खाद्य पदार्थों के दुष्प्रभाव व्यापक रूप से ज्ञात हैं। इसके नियमित सेवन से आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और शरीर को अपूरणीय क्षति हो सकती है। कई वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने साबित किया है कि जंक फूड आपको दिल की बीमारियों से ग्रस्त कर सकता है और अंततः आपके मस्तिष्क को कमजोर और गैर-कार्यात्मक बना सकता है।
ऐसा कोई भी भोजन जिसका कोई या नगण्य पोषण मूल्य नहीं है, उसे जंक फूड माना जा सकता है। कैंडी, बेकरी उत्पाद, बर्गर और सॉसेज, नमकीन और तैलीय स्नैक्स या सॉफ्ट ड्रिंक सहित अधिकांश फास्ट फूड को जंक फूड के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। उनके पास एक उच्च कैलोरी सामग्री, लवण और वसा है। जितना अधिक हम इनका सेवन करते हैं, उतना ही शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिन का सेवन कम होता है।
Junk Food Essay in Hindi
जंक फूड का अर्थ यह है कि यह स्वस्थ शरीर के लिए अच्छा नहीं है। इसमें पोषण की कमी होती है और यह शरीर के तंत्र के लिए हानिकारक है। अधिकांश जंक फूड उच्च स्तर पर वसा, चीनी, लवणता और खराब कोलेस्ट्रॉल से भरा होता है, जो स्वास्थ्य के लिए एक जहर है। उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है, इसलिए कब्ज और अन्य पाचन विकार पैदा करना आसान होता है। अच्छे स्वाद और आसान खाना पकाने के कारण जंक फूड को काफी लोकप्रियता मिली है। पहले से ही बाजार में, जंक फूट पॉलीथिन पैक किया गया है। कई लोग इस तरह के जंक फूड पर भरोसा करते हैं, क्योंकि उनकी व्यस्त दिनचर्या या खाना पकाने में अज्ञानता है।
दुनिया भर में जंक फूड की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, जो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। सभी उम्र के लोग जंक फूड खाना पसंद करते हैं और आम तौर पर, जब वे कुछ विशेष समय का आनंद लेते हैं, साथ ही, जैसे जन्मदिन, शादी की सालगिरह, आदि। बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के जंक फूड; कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, चिप्स, नूडल्स, बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज, चाइनीज फूड आदि का इस्तेमाल करें।
जंक फूड शब्द ही उन खाद्य पदार्थों को परिभाषित करता है जो आपके शरीर के लिए अच्छा नहीं है और वे शरीर के लिए पूरी तरह से महत्वहीन हैं। जंक फूड का कोई कम या बहुत कम पोषण मूल्य नहीं है और इसके बावजूद कि वे विपणन कर रहे हैं, वे उपभोग करने के लिए स्वस्थ नहीं हैं। उनमें से अधिकांश संतृप्त वसा और चीनी घटकों में उच्च हैं और लवण की अधिकता और किसी भी फाइबर की कमी है। उनकी लोकप्रियता बढ़ने और उपभोग की बढ़ती प्रवृत्ति का एकमात्र कारण यह है कि वे खाद्य पदार्थ खाने के लिए तैयार हैं या आसान हैं। इसके अलावा विनिर्माण और खपत में आसानी से जंक फूड बाजार में अपना प्रभाव इतनी तेजी से फैलता है। सभी आयु वर्ग के लोग जंक फूड की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि यह परेशानी से मुक्त है और अक्सर हड़पने और खाने के लिए तैयार है।
शीतल पेय, चिप्स, वेफर्स, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़ आदि बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के फास्ट फूड के कुछ उदाहरण हैं।
आइए जंक फूड के सेवन के कुछ बुरे प्रभावों के बारे में चर्चा करें:
1. फास्ट फूड की विशेषता ऊर्जा के स्तर में एक स्पाइक का कारण है और इसलिए एक को वापस खाने के लिए दूसरे को खाने के लिए लालच देने से यह और भी हानिकारक हो जाता है। इस खाने के पैटर्न से ऊर्जा स्तर बढ़ने की संभावना होती है जो रात में सोने के समय पर भी नीचे आने में विफल होते हैं और परिणामस्वरूप नींद की बीमारी होती है।
2. जंक फूड के नियमित सेवन का एक और निहितार्थ है मूडीनेस।
3. जंक फूड खाने से एकाग्रता का स्तर कम हो सकता है।
4. सबसे आम बुरा प्रभाव मोटापा है जो 3-5 साल से कम उम्र के बच्चों में भी बहुत आम हो गया है और मोटे व्यक्ति में कई अन्य पुरानी बीमारियों और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है।
5. दिल की बीमारियाँ, ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ जाना और शुगर होने की संभावना अधिक होती है यदि व्यक्ति ऑयली जंक फूड्स का नियमित उपभोक्ता है।
6. चूंकि जंक फूड्स को पचाने में आसान नहीं है और इस प्रक्रिया में शरीर से बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उपभोग किया जाता है, इसलिए इनका सेवन करने वाले लोग ऑक्सीजन के स्तर में कमी का अनुभव करते हैं जो धीरे-धीरे मस्तिष्क को खराब करने का काम करते हैं।
7. जंक फूड की आदतों के कारण शरीर में बनने वाले अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल के कारण न केवल दिल, बल्कि लीवर को भी नुकसान हो सकता है।
8. अधिक लोगों को जीवन में मधुमेह जल्दी होता है क्योंकि वे जंक फूड अधिक बार खाते हैं।
9. जंक फूड में फाइबर नहीं होने का मतलब है पेट और पाचन तंत्र में खिंचाव के कारण कब्ज की समस्या।
ऊपर दिए गए जंक फूड के बारे में सभी बिंदुओं ने चर्चा की कि हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि जंक फूड किसी भी स्वास्थ्य लाभ प्रदान किए बिना आपके हीथ को नुकसान पहुंचाता है। अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन का आनंद लेने के लिए, जंक फूड्स में कटौती करना महत्वपूर्ण है।
पोषण विशेषज्ञों ने जंक फूड के बुरे प्रभावों पर शोध किया है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि जंक फूड निर्माण कंपनियां भ्रामक विज्ञापनों को दिखाकर लोगों को बेवकूफ बना रही हैं कि बाजार जंक फूड को स्वस्थ दिखाते हैं। हमें फलों और सब्जियों जैसे स्वस्थ भोजन के साथ जंक फूड का विकल्प चुनना चाहिए।
जंक फूड के शौक़ीन लोगों को इसे अधिक मात्रा में खाने का दुष्परिणाम झेलना पड़ता है। अगली बार जब आप किसी बर्गर, हॉटडॉग, पिज्जा, समोसा, कचौड़ी या यहां तक कि आइस क्रीम को एक रेस्तरां में खाने के लिए सोचते हैं, तो संयुक्त या एक पार्टी खा सकते हैं। अपनी प्रवृत्ति को रोकें और इसके बजाय कुछ स्वास्थ्यप्रद भोजन विकल्पों की तलाश करें।
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जंक फूड पर निबंध
Essay on Junk Food in Hindi: नमस्कार दोस्तों! आज हमारे सभी लोगों के सामने लेकर प्रस्तुत हुए हैं, जंक फूड पर निबंध। वर्तमान समय में जंक फूड सभी लोगों को काफी ज्यादा पसंद है, परंतु इसके बहुत से नुकसान हैं, जिनके बारे में हम ध्यान नहीं देते। अक्सर हम सभी लोगों से जंग फूड के बारे में कहीं ना कहीं तो पूछ दिया ही जाता होगा।
स्कूलों में वर्तमान समय में बच्चों को जंग फूड से दूर रहने के लिए प्रेरणा देने के उद्देश्य से जंक फूड पर निबंध कार्य लिखने को दिया जाता है। आज इस निबंध में हम सभी लोग जंक फूड के विषय में छोटे तथा बड़े निबंध जानेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं।
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जंक फूड पर निबंध | Essay on Junk Food in Hindi
जंक फूड पर निबंध (250 शब्द).
वर्तमान समय में जंक फूड का प्रचलन काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है, लोग इसे काफी चाव से खा भी रहे हैं, परंतु यह उन सभी लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है, जो इनका सेवन करते हैं। हालांकि जंक फूड के सेवन से हमें काफी ज्यादा अच्छा महसूस होता है, परंतु यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।
जंक फूड एक प्रकार का भोजन होता है, जो कि देखने और खाने में तो काफी ज्यादा अट्रैक्टिव होता है, परंतु इसके नुकसान भी स्वास्थ्य पर काफी ज्यादा होते हैं। जंक फूड भोजन के अंतर्गत पिज़्ज़ा बर्गर चाऊमीन एवं फास्ट फूड शॉप की सभी चीजें जंक फूड की श्रेणी में ही आती है।
वर्तमान समय में जंक फूड का सेवन सबसे ज्यादा बच्चे और युवा महिला एवं पुरुष करते हैं। इसी के कारण दिन प्रतिदिन जंक फूड की खपत बढ़ती ही जा रही है, क्योंकि यह पश्चिमी सभ्यता को अपनाने में अपनी शान समझ बैठते हैं। जंक फूड के खपत के दो मुख्य कारण हैं, पहला जंक फूड खाने में काफी ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं और दूसरा यह दिखने में भी काफी ज्यादा अट्रैक्टिव होते हैं।
जंक फूड का हमारे स्वास्थ्य से काफी ज्यादा संबंध है अर्थात जंक फूड हमारे शरीर के लिए बहुत ही नकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं। भरते हुए जंक फूड की खपत के कारण ज्यादातर लोगों में मोटापे की समस्या बढ़ती ही जा रही है। जंक फूड एक ऐसा भोजन है, जो कि कई दिनों की रखी गई सब्जियों के द्वारा बनाया जाता है, जिसके कारण यह सब्जियां हमारे शरीर पर इतनी ज्यादा हानिकारक प्रभाव छोड़ती है, इससे हमारा शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है।
जंक फूड पर निबंध (800 शब्द)
इस आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है। वर्तमान समय में लोगों के पास समय कम है और जल्दी के कारण ज्यादातर लोग फास्ट फूड पर ही निर्भर हो जा रहे हैं। फास्ट फूड एक ऐसा भोजन है, जो कि काफी जल्दी बन जाता है और इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है, जिसके कारण लोग इसके तरफ काफी ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इस भोजन के स्वादिष्ट होने के कारण लोग इसका सेवन करना काफी ज्यादा पसंद करते हैं, परंतु जंक फूड का भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हानिकारक सिद्ध हो सकता है। अतः जंक फूड जितने आकर्षक दिखते हैं उससे कई ज्यादा खतरनाक भी होते हैं।
जंक फूड का अर्थ
जंक फूड एक ऐसा भोजन है, जिसमें सड़ी गली सब्जियों का उपयोग किया जाता है और उन्हें एक आकर्षक रूप दिया जाता है। इन्हीं सड़ी गली सब्जियों और अन्य स्वादिष्ट सामग्री (जैसे कि विनेगर, सॉस इत्यादि) को मिलाकर जो कुछ भी बनाया जाता है, उसे ही जंग फूड कहा जाता है। जंक फूड हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है। जंक फूड को मानव स्वास्थ्य के लिए पहले से ही हानिकारक सिद्ध किया जा चुका है। यदि कोई व्यक्ति जंक फूड का प्रतिदिन सेवन करता है, तो वह बहुत जल्द ही बहुत ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। इन सभी गंभीर बीमारियों में कैंसर, ह्रदय रोग, अधिक आयु, अधिक रक्तचाप, हड्डियों की समस्या, डायबिटीज, पाचन तंत्र की समस्या, लीवर की समस्या, मानसिक रोग इत्यादि प्रमुख हैं।
जंग फूड के सेवन से स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव पड़ता है?
जंक फूड भोजन का नियमित रूप से सेवन करने से हमें बहुत सी बीमारियां हो सकती हैं, क्योंकि जंक फूड सड़ी गली सब्जियों को मिलाकर बनाया जाता है, जिसमें बहुत से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस मिले होते हैं। जंक फूड के सेवन से कई गंभीर समस्याओं के साथ-साथ अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है, जैसे कि टाइफाइड, कुपोषण, हाइपरटेंशन, मोटापा इत्यादि। जंक फूड एक ऐसा भोजन है जिस के उपयोग से हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी आ जाती है, अर्थात जंक फूड में पोषक तत्व नाम मात्र के बराबर होते हैं।
जंक फूड भोजन में पोषक तत्वों की कमी
जंक फूड के निर्माण में ज्यादा तेल का उपयोग होता है और यह तेल पूर्णता शुद्ध नहीं होते हैं, इनमें कुछ अशुद्धियां भी मिली होती हैं। इतना ही नहीं जंक फूड भोजन में तेल की मात्रा अधिक होने के साथ-साथ पोषक तत्वों की मात्रा उतनी ही ज्यादा कम होती है। इसी कारण जंक फूड भोजन को पचाने में काफी ज्यादा दिक्कत आती। जंक फूड भोजन में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी ज्यादा होती है, अतः जंक फूड भोजन में कोलेस्ट्रॉल होने के कारण यह हमारे स्वास्थ्य पर काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। जंक फूड भोजन के कारण हमारे शरीर में काफी ज्यादा नुकसान होता है। इसके कारण पेट तो बढ़ता ही है, इसके साथ-साथ अन्य पाचन अंगों में भी काफी ज्यादा खींचा हो जाता है, जिसके कारण मानव में कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।
जंक फूड के दुष्परिणाम
- जंक फूड का सेवन सदैव हमें पोषक तत्वों की कमी की ओर लेकर जाता है, अतः दिन प्रतिदिन हमारा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होता जाता है।
- जंक फूड का भोजन करने से पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज इत्यादि पोषक तत्व की पूर्ति नहीं हो पाती, अतः हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
- ऐसा व्यक्ति जो सदैव ज्यादा से ज्यादा जंक फूड खाता है, उसके ऊपर वजन बढ़ने का खतरा बना ही रहता है।
- जंक फूड भोजन में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो कि शरीर में खून में तेजी से शुगर के स्तर को बढ़ा देता है, जिससे मनुष्य को डायबिटीज जाती है और वह आलसी बन जाते हैं।
- इतना ही नहीं इन सभी के बाद भी जंग फूड हमारे शरीर में कब्ज एवं पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां, ह्रदय रोग, हार्ट अटैक इत्यादि जैसे गंभीर रोग पैदा कर देती हैं।
जंक फूड खाने से बचें
यदि आप अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहते है, तो आपको जंक फूड का सेवन छोड़ देना। यदि आप जंक फूड का सेवन नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो आपको जंक फूड के सेवन को कम तो कर ही देना चाहिए अर्थात यदि आपको जंक फूड ज्यादा पसंद है, तो आप 1 हफ्ते में एक बार खा सकते हैं। यदि आपको पहले से ही कोई बीमारी हो चुकी है, तो आप अपने डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही जंक फूड का सेवन करें, अन्यथा नहीं। याद रहे आप जब भी जंक फूड का सेवन करना चाहे, तो आप इसे मार्केट से नाम मंगवाए आप इसे घर पर ही बनवाए, परंतु प्रतिदिन नहीं हफ्ते में एक बार या न बनवाएं।
जंक फूड के सेवन से मनुष्य में अनेकों प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है, जैसे कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, कब्ज इत्यादि। जंक फूड भोजन में पोषक तत्वों की काफी ज्यादा कमी होती है, जिसके कारण हमें काफी ज्यादा नुकसान होता है। अर्थात इस लेख का पूरा निष्कर्ष यह है, कि हमें जंक फूड का सेवन बहुत ही कम करना चाहिए या यूं कहें तो हमें जंक फूड का भोजन नहीं करना चाहिए।
हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आप सभी लोगों को हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण निबंध “जंक फूड पर निबंध (Essay on Junk Food in Hindi)” अवश्य ही पसंद आया होगा, यदि हां! तो आप अपने मित्र जनों के साथ इसे अवश्य साझा करें, ताकि उन्हें भी जंक फूड के विषय में निबंध लिखना आ जाए। यदि इस लेख में कुछ ऐसा हो जो आप को न समझ में आया हो, तो आप कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।
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Excellent rahul ????God bless you ??
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